नई दिल्ली: स्वयंभू संत आसाराम बापू को 2013 के बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। यह जमानत उन्हें मेडिकल आधार पर प्रदान की गई है। हालांकि, जमानत की शर्तों के तहत उन्हें अपने समर्थकों से मिलने की अनुमति नहीं होगी।
जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि आसाराम बापू सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेंगे और न ही किसी समर्थक से मिलेंगे। अदालत ने 86 वर्षीय आसाराम की उम्र और हृदय रोग समेत अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला सुनाया।
आसाराम ने गांधीनगर कोर्ट द्वारा 2023 में सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। गुजरात सरकार से जवाब तलब करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि वह मामले को केवल मेडिकल आधार पर ही देखेगी। इससे पहले 29 अगस्त, 2024 को गुजरात हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
गौरतलब है कि जनवरी 2023 में ट्रायल कोर्ट ने आसाराम को एक महिला द्वारा दायर बलात्कार के मामले में दोषी पाया था। वह वर्तमान में एक अन्य बलात्कार मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद हैं। आसाराम का बेटा नारायण साईं भी यौन शोषण के मामले में जेल में सजा काट रहा है। सूरत की एक अदालत ने 2019 में नारायण साईं को दुष्कर्म का दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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