नई दिल्ली: दुनिया भर में अनगिनत पुस्तकालय हैं, लेकिन प्राचीनता और विशेष संग्रह के मामले में वेटिकन लाइब्रेरी का कोई सानी नहीं है. रोम के कैथलिक चर्च में स्थित यह पुस्तकालय दुनिया के सबसे पुराने पुस्तकालयों में से एक है. औपचारिक रूप से इसकी स्थापना 1475 में हुई थी, लेकिन इसका इतिहास और भी पुराना है. लगभग 600 वर्षों से इस पुस्तकालय में अनमोल ज्ञान का संग्रह होता रहा है. पहले इसे वेटिकन सीक्रेट आर्काइव के नाम से जाना जाता था.
वेटिकन लाइब्रेरी में 10 लाख से अधिक किताबें और पांडुलिपियां सुरक्षित हैं. यह न केवल एक विशाल पुस्तकालय है, बल्कि एक महत्वपूर्ण शोध केंद्र भी है, जहां दुनिया भर के विद्वान और शोधकर्ता अध्ययन के लिए आते हैं. इसकी स्थापना 15वीं शताब्दी में पोप निकोलस पंचम ने की थी. शुरुआत में इसमें केवल 2,000 किताबें थीं, लेकिन समय के साथ इसका संग्रह बढ़ता गया और आज यह दुनिया के सबसे बड़े और महत्वपूर्ण पुस्तकालयों में शुमार है.
यह पुस्तकालय अपनी विशेष अनुमति प्रणाली के लिए भी जाना जाता है. यहां हर किसी को प्रवेश की अनुमति नहीं है. केवल पोप, शोधकर्ता, विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और कुछ विशेष अनुमति प्राप्त लोग ही इसमें प्रवेश कर सकते हैं. इस प्रतिबंध का कारण पुस्तकालय में मौजूद प्राचीन और दुर्लभ सामग्री की सुरक्षा है. ऐसा माना जाता है कि यहां कई गुप्त दस्तावेज भी मौजूद हैं, जिन पर शोध के लिए दुनियाभर से विशेषज्ञ आते हैं. हालांकि, आम पर्यटकों को चर्च में प्रवेश की अनुमति है, लेकिन पुस्तकालय में नहीं.
वेटिकन लाइब्रेरी के कुछ महत्वपूर्ण संग्रह:
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प्राचीन ग्रीक और रोमन पांडुलिपियां
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मध्ययुगीन पांडुलिपियां और मुद्रित पुस्तकें
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पोप और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों के पत्र और दस्तावेज
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वेटिकन की कला और वास्तुकला से संबंधित सामग्री
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विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों से संबंधित सामग्री
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