नई दिल्ली: चार दशकों से बॉलीवुड पर राज करने वाले मिथुन चक्रवर्ती का फिल्मी सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है। अपने अनोखे डांस और अभिनय से दर्शकों के दिलों में जगह बनाने वाले मिथुन दा, एक समय इंडस्ट्री में संघर्ष कर रहे थे। उनके सांवले रंग की वजह से लोग उनका मज़ाक उड़ाते थे, और पहली फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बावजूद कोई अभिनेत्री उनके साथ काम करने को तैयार नहीं थी। लेकिन, उनकी ज़िंदगी में जीनत अमान की एंट्री ने उनकी किस्मत बदल दी।
मिथुन दा ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि जब वे इंडस्ट्री में आए, तो अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र जैसे दिग्गज अपने करियर के चरम पर थे। ऐसे में अपनी जगह बनाना आसान नहीं था। जब वे किसी को बताते कि वे एक्टर बनना चाहते हैं, तो लोग उनके रंग का मज़ाक उड़ाते। लेकिन, मिथुन ने हार नहीं मानी।
पहली ही फिल्म में दिखाया दम:
1976 में आई फिल्म ‘मृगया’ से मिथुन ने बॉलीवुड में डेब्यू किया। इस फिल्म के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार और बीएफजेए पुरस्कार मिला। लेकिन, सफलता के बावजूद, कई अभिनेत्रियाँ उनके साथ काम करने से कतराती रहीं। बड़े हीरो भी दूसरी अभिनेत्रियों को धमकी देते थे कि अगर उन्होंने मिथुन के साथ काम किया, तो वे उनके साथ काम नहीं करेंगे।
जीनत अमान ने बदली तकदीर:
जब सबने मुंह मोड़ लिया, तब जीनत अमान ने मिथुन के साथ काम करने का फैसला किया। 1983 में आई फिल्म ‘तकदीर’ में दोनों ने साथ काम किया। यह फिल्म सुपरहिट रही और मिथुन की किस्मत चमक गई। जीनत के साथ काम करने के बाद, कई और अभिनेत्रियाँ मिथुन के साथ काम करने को तैयार हो गईं। मिथुन ने हमेशा जीनत अमान का आभार व्यक्त किया, क्योंकि उनकी वजह से ही उन पर से ‘पनौती’ का ठप्पा हटा।
मिथुन दा की कहानी संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी है। यह बताती है कि प्रतिभा और दृढ़ निश्चय से किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है।
Pls read:Bollywood: अरमान मलिक ने आशना श्रॉफ से रचाई शादी, शेयर कीं खूबसूरत तस्वीरें