देहरादून: देहरादून नगर निगम चुनाव में कांग्रेस के चार पार्षद प्रत्याशियों के नामांकन पर आपत्ति जताए जाने के बाद दूसरे दिन भी नगर निगम परिसर में हंगामा हुआ। कांग्रेसियों ने नामांकन केंद्र के बाहर जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि, तीन वार्ड के प्रत्याशियों को क्लीन चिट मिल गई, लेकिन वार्ड 49 के कांग्रेस प्रत्याशी इलियास अंसारी और उनके बेटे का नामांकन सरकारी जमीन पर कब्जे के आरोप में रद्द कर दिया गया।
रायपुर के भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ ने अंसारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ प्रदर्शन किया। पुलिस ने विधायक को पीछे के रास्ते से बाहर निकाला।
कांग्रेस ने जताई नाराजगी:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, जिनमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, महापौर प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना आदि शामिल थे, ने सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) से मुलाकात कर कांग्रेस प्रत्याशियों पर आपत्ति जताए जाने पर नाराजगी व्यक्त की और भाजपा विधायक पर दबाव बनाने का आरोप लगाया।
तीन प्रत्याशियों को मिली राहत:
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि वार्ड 47, 3 और 75 के प्रत्याशियों को पहले एनओसी देने में आनाकानी की गई, बाद में कड़ा विरोध करने पर एनओसी दी गई। इसके बाद भाजपा विधायक ने इन चारों वार्डों के प्रत्याशियों के नामांकन रद्द करवाने का दबाव बनाया। हालांकि, तीन वार्ड के प्रत्याशियों के नामांकन स्वीकार कर लिए गए।
पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में धक्का-मुक्की:
विधायक काऊ के नगर निगम पहुँचने पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी की। पुलिस ने कांग्रेस नेताओं को अंदर जाने से रोका तो धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने विधायक काऊ को पीछे के रास्ते से बाहर निकाला, जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता उनके पीछे दौड़े। इस दौरान विधायक के गनर के साथ भी हाथापाई हुई।
कांग्रेस खटखटाएगी कोर्ट का दरवाजा:
कांग्रेस ने कहा कि वह इलियास अंसारी का नामांकन रद्द किए जाने के खिलाफ कोर्ट जाएगी। उधर, विधायक काऊ ने कहा कि अंसारी और उनके बेटे ने सरकारी जमीन पर कब्जा करके दुकानें बनाई हैं, इसलिए उनका नामांकन रद्द करना उचित था। उन्होंने इसे अपनी कानूनी जीत बताया।
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