देहरादून: उत्तराखंड की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने नशे के खिलाफ जंग तेज करते हुए कई सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जिलों से NCORD (Narco Coordination Center) बैठकों की रिपोर्ट तलब की है और नियमित बैठकें न करने वाले जिलाधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी दी है।
मेडिकल स्टोर पर अनिवार्य होंगे CCTV
मुख्य सचिव ने दवाओं के नशे के रूप में दुरुपयोग पर नियंत्रण के लिए सभी मेडिकल स्टोर पर CCTV कैमरे लगाना और रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण करना अनिवार्य कर दिया है।
नशा मुक्ति केंद्रों के लिए अलग बजट
NCORD की राज्य स्तरीय बैठक में मुख्य सचिव ने संबंधित विभागों और जिलाधिकारियों को नशा मुक्ति केंद्रों के लिए अलग से बजट का प्रावधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने हर जिले में एक नशा मुक्ति केंद्र स्थापित करना भी अनिवार्य किया है।
निजी स्कूलों में भी एंटी ड्रग्स कमेटी
सरकारी शिक्षण संस्थानों की तरह अब निजी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में भी एंटी ड्रग्स कमेटी गठित करना अनिवार्य होगा। मुख्य सचिव ने ‘एंटी ड्रग ई-प्लज’ अभियान को जन आंदोलन का रूप देने के निर्देश भी दिए।
ड्रग्स फ्री कैंपस के लिए MoU
शैक्षणिक संस्थानों को नशा मुक्त बनाने के लिए निजी क्षेत्र, NGO और सामाजिक संस्थानों के साथ MoU करने की योजना है।
एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई
बैठक में बताया गया कि इस साल एनडीपीएस एक्ट के तहत 1020 मामले दर्ज किए गए हैं और 1298 लोगों को सजा सुनाई गई है। बड़ी मात्रा में नशीले पदार्थ भी जब्त किए गए हैं और अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया गया है।
कुछ जिलों पर सख्ती
देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, चमोली और चंपावत जिलों ने इस साल एक भी NCORD बैठक आयोजित नहीं की, जिस पर मुख्य सचिव ने नाराजगी जताई है। उन्होंने भविष्य में ऐसी लापरवाही पर जिलाधिकारियों की ACR में प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी दी है।