नई दिल्ली: निर्देशक अनिल शर्मा की नवीनतम फिल्म ‘वनवास’ एक मार्मिक पारिवारिक ड्रामा है जो आज सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। यह फिल्म एक मानसिक रूप से बीमार बुजुर्ग पिता, दीपक त्यागी (नाना पाटेकर) की कहानी है, जिसे उसके ही बेटे और बहू बनारस में छोड़कर चले जाते हैं। गंगा घाटों पर भटकते हुए दीपक की मुलाकात एक चुलबुले लड़के वीरू (उत्कर्ष शर्मा) से होती है, जो उसकी मदद करने का फैसला करता है।
कहानी:
‘वनवास’ एक ऐसी कहानी है जो आज के समाज की कड़वी सच्चाई को दर्शाती है जहाँ बुजुर्ग माता-पिता को अक्सर उनके अपने परिवार द्वारा उपेक्षित कर दिया जाता है। फिल्म का कथानक भावुक और मार्मिक है, और यह दर्शकों को अपने परिवार के महत्व के बारे में सोचने पर मजबूर करता है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे वीरू और एक महिला रिपोर्टर मीना (सिमरत कौर) दीपक को उसके परिवार से मिलाने की कोशिश करते हैं।
अभिनय:
नाना पाटेकर ने दीपक त्यागी के किरदार को बखूबी निभाया है। उनका अभिनय दिल को छू लेने वाला है। उत्कर्ष शर्मा ने भी वीरू के रूप में शानदार प्रदर्शन किया है। सिमरत कौर, राजपाल यादव, परितोष त्रिपाठी, अश्विनी कलसेकर और केतन सिंह ने भी अपने-अपने किरदारों को पूर्ण न्याय दिया है।
निर्देशन:
अनिल शर्मा ने एक बार फिर अपनी निर्देशन क्षमता का लोहा मनवाया है। ‘गदर: एक प्रेम कथा’ और ‘गदर 2’ जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों के बाद, अनिल शर्मा ने ‘वनवास’ के जरिए एक अलग तरह की फिल्म बनाने का साहस दिखाया है।
लेखन:
सुनील सिरवैया ने एक भावुक और मर्मस्पर्शी कहानी लिखी है। उन्होंने कथा के माध्यम से दर्शकों को रुलाने में भी कामयाबी हासिल की है।
संगीत:
फिल्म का संगीत कहानी के साथ न्याय करता है। गीत भावुक और मधुर हैं।
कुल मिलाकर:
‘वनवास’ एक शानदार पारिवारिक ड्रामा है जो दर्शकों को भावुक कर देता है। यह फिल्म बुजुर्गों के प्रति समाज के दृष्टिकोण पर प्रश्न उठाती है और पारिवारिक मूल्यों का महत्व समझाती है। अगर आप एक अच्छी और भावुक फिल्म देखना चाहते हैं, तो ‘वनवास’ आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकती है।
Pls read:Bollywood: मुकेश खन्ना ने रणबीर कपूर के ‘राम’ बनने पर उठाए सवाल, फिर छिड़ी बहस