
देहरादून, 10 दिसंबर, 2024: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जरूरतमंदों को समय पर एंबुलेंस और एयर एंबुलेंस सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने यह कदम हाल ही में अल्मोड़ा में हुई एक घटना के बाद उठाया है, जिसमें एक परिवार को आर्थिक कठिनाई के कारण अपने मृतक परिजन का शव बोलेरो की छत पर रखकर ले जाना पड़ा था।
सोमवार को मुख्यमंत्री आवास पर हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में धामी ने कहा कि सभी जरूरतमंदों को समय पर एंबुलेंस सुविधा मिलनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मृतक परिजनों के शव को उनके घर तक पहुँचाने की व्यवस्था संबंधित जिलाधिकारी करेंगे। मुख्यमंत्री इस घटना से काफी चिंतित थे और उन्होंने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी अस्वस्थ व्यक्ति के परिजनों को दाह संस्कार में किसी भी प्रकार की कठिनाई हो रही है, तो जिलाधिकारी अपनी ओर से आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
शीतकालीन चारधाम यात्रा पर भी ज़ोर:

इस बैठक में मुख्यमंत्री ने शीतकालीन चारधाम यात्रा के संबंध में भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन धार्मिक स्थलों के पौराणिक महत्व और प्रभावी प्रचार-प्रसार पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि शीतकाल में इन स्थलों पर दर्शन करने का पुण्य नियमित यात्रा के समान ही है। उन्होंने शीतकालीन पूजा स्थलों (ओंकारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ; पांडुकेश्वर और नर्सिंग मंदिर जोशीमठ; खरसाली और मुखवा) का उल्लेख किया।
धामी मंत्रिमंडल की बैठक:
मुख्यमंत्री ने बताया कि धामी मंत्रिमंडल की बैठक बुधवार को सचिवालय में होगी। इस बैठक में राजस्व, परिवहन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सहकारिता, पर्यटन, शहरी विकास, गृह, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, खेल एवं युवा कल्याण जैसे विभिन्न विभागों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं। बैठक में राष्ट्रीय खेलों के आयोजन की रणनीति पर भी चर्चा होगी और खेलों से संबंधित महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाएँगे।
मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश से स्पष्ट है कि राज्य सरकार जरूरतमंदों तक एंबुलेंस सेवाएँ पहुँचाने को प्राथमिकता दे रही है और अल्मोड़ा घटना ने सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने के लिए प्रेरित किया है। शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए दिए गए निर्देश भी पर्यटन को बढ़ावा देने और धार्मिक स्थलों के महत्व को उजागर करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।