शिमला, [07 dec]: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में हिमाचल प्रदेश गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा के 62वें राज्यस्तरीय स्थापना दिवस समारोह में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की हैं। उन्होंने बताया कि राज्य में गृह रक्षकों के 700 रिक्त पदों को भरा जाएगा और महिला गृह रक्षकों को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जाएगा।
प्रदेश के बाहर तैनाती पर भत्ता वृद्धि:
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्रदेश के बाहर तैनाती के दौरान गृह रक्षकों के दैनिक भत्ते को 60 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया जाएगा। यह निर्णय गृह रक्षकों के कल्याण और उनके योगदान को मान्यता देने के लिए लिया गया है।
आपदा प्रबंधन में सुधार के प्रयास:
आपदा प्रबंधन की क्षमताओं में सुधार के लिए, मुख्यमंत्री ने सभी जिला मुख्यालयों पर ड्रोन स्टेशन स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) के नियंत्रण कक्ष में नए टेलीफोन नंबर स्वीकृत करने और पालमपुर व कांगड़ा में एसडीआरएफ मुख्यालय के निर्माण के लिए धन आवंटित करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, संचार प्रणाली को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि एसडीआरएफ के लिए आधुनिक उपकरण और पर्याप्त धनराशि आवंटित की जाएगी, जिसमें उच्च क्षमता वाले ड्रोन की आपूर्ति भी शामिल है। वर्तमान में एसडीआरएफ के पास 5 किलोग्राम तक भार उठाने वाले ड्रोन हैं।
गृह रक्षा बल का एकीकरण:
सरकार एसडीआरएफ के अंतर्गत गृह रक्षा बल को एकीकृत करने की दिशा में काम कर रही है और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान इन्हें प्रथम प्रतिक्रियाकर्ता के रूप में नामित किया जा रहा है। राज्य में गृह रक्षकों की 74 कंपनी कार्यालयों और 12 प्रशिक्षण केंद्रों को आपदा प्रतिक्रिया केंद्र के रूप में नामित किया गया है।
आपदा प्रबंधन जागरूकता अभियान:
आपदा की स्थिति में जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, मुख्यमंत्री ने 6 जनवरी, 2025 तक राज्य स्तरीय आपदा प्रबंधन जागरूकता अभियान शुरू करने की घोषणा की। इस समारोह में 17 टुकड़ियों ने परेड में भाग लिया, जिसमें महिला टुकड़ी का भी शानदार प्रदर्शन रहा।
यह घोषणाएँ हिमाचल प्रदेश में आपदा प्रबंधन और गृह रक्षा बल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हैं, जो राज्य की सुरक्षा और नागरिकों के कल्याण को मजबूत करेंगे।
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