
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ कार्रवाई तेज होती जा रही है। रावलपिंडी की एक अदालत ने गुरुवार को जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) पर हमला मामले में इमरान खान समेत कई पीटीआई नेताओं के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। इसके अलावा, इमरान की पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ भी एक अलग मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है।
जीएचक्यू हमला मामला: आतंकवादी कोर्ट (एटीसी) के न्यायाधीश अमजद अली शाह की अदालत ने इमरान खान, पूर्व गृह मंत्री शेख राशिद, पूर्व प्रांतीय कानून मंत्री राजा बहारत और विपक्ष के वर्तमान नेता उमर अयूब सहित अन्य पीटीआई नेताओं पर आरोप तय किए हैं। आरोप तय होने के बाद इमरान खान ने खुद को निर्दोष बताया है। यह मामला मई 2023 में इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुए हिंसक प्रदर्शनों से जुड़ा है, जिसमें पीटीआई समर्थकों ने कई सरकारी इमारतों पर हमले किए थे। रावलपिंडी के आरए बाजार थाने में इस मामले में इमरान समेत 143 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

बुशरा बीबी के खिलाफ वारंट: इस्लामाबाद की एक अदालत ने इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के खिलाफ एक नए मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) को बुशरा बीबी को गिरफ्तार करने का अधिकार दिया गया है। गौरतलब है कि बुशरा बीबी तोशाखाना मामले में नौ महीने जेल में रहने के बाद अक्टूबर में रिहा हुई थीं।
इस्लामाबाद में बढ़ते मामले: पिछले सप्ताह समर्थकों के हिंसक प्रदर्शन के बाद इमरान खान के खिलाफ इस्लामाबाद में 14 नए मामले दर्ज किए गए हैं, जिससे अब कुल मामलों की संख्या 76 हो गई है। ये मामले 24 नवंबर को डी-चौक पर हुए प्रदर्शन के बाद दर्ज किए गए हैं।
संक्षेप में: इमरान खान पर लगातार कार्रवाई से उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। जीएचक्यू हमला मामले में आरोप तय होने और उनकी पत्नी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने से उनकी राजनीतिक स्थिति और कमज़ोर हुई है। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या होता है और इमरान खान की राजनीतिक यात्रा पर इसका क्या प्रभाव पड़ता है। इमरान खान और उनकी पार्टी के लिए आने वाला समय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
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