
अयोध्या: अयोध्या में आयोजित 43वें रामायण मेले के उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संभल हिंसा पर एक विवादास्पद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि संभल और बांग्लादेश की घटनाओं में शामिल लोगों का डीएनए एक है। यह बयान तत्काल विवादों में घिर गया है।
सरयू तट स्थित राम कथा पार्क में आयोजित चार दिवसीय रामायण मेले के उद्घाटन के बाद अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने चित्रकूट में रामायण मेला की संकल्पना करने वाले डॉ. राम मनोहर लोहिया को याद किया। उन्होंने कहा कि लोहिया भले ही मंदिर न जाते हों, लेकिन वे श्रीराम, कृष्ण और शिव की सांस्कृतिक और राष्ट्रीय महत्ता को समझते थे। योगी ने आरोप लगाया कि आज के समाजवादी परिवारवादी हो गए हैं और अपराधियों का संरक्षण करते हैं। उन्होंने कहा कि लोहिया के नाम पर राजनीति करने वाले लोग लोहिया के आदर्शों का पालन नहीं करते।

मुख्यमंत्री ने अपनी आस्था का भी इजहार करते हुए कहा कि प्रभु राम उनके आदर्श हैं और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर जीवन धन्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि आज लोग छोटे-छोटे स्वार्थों के लिए मारने-मरने पर उतारू हैं, जबकि श्रीराम का आदर्श हमें मार्गदर्शन करता है। उन्होंने राम के वनवास जाने के प्रसंग का उदाहरण देते हुए पिता की आज्ञा पालन की महत्ता पर जोर दिया।
इससे पहले, जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी राम दिनेश आचार्य ने रामायण मेले को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने की अपेक्षा रखी थी, जैसा कि दीपावली वैश्विक महापर्व के रूप में स्थापित है। मुख्यमंत्री ने इस अपेक्षा पर हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।
विवादों में घिरा बयान: योगी आदित्यनाथ का संभल हिंसा और बांग्लादेश की घटनाओं के संबंध में डीएनए पर दिया गया बयान विवादों में घिरा हुआ है। इस बयान पर विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की प्रतिक्रियाओं का इंतजार है। इस बयान की वैज्ञानिक सटीकता पर भी सवाल उठ रहे हैं। आगे की प्रतिक्रियाओं और इस बयान के संभावित परिणामों पर नजर रखना आवश्यक होगा।
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