देहरादून: देहरादून के यमुनोत्री विहार फेस-2, चंद्रबनी में 30 नवंबर को हुई प्रॉपर्टी डीलर मंजेश कुमार (42 वर्ष) की हत्या ने एक जटिल साज़िश का पर्दाफाश किया है, जिसमें 10 करोड़ रुपये की सुपारी, पार्टनरशिप का विवाद, और अपराध की दुनिया की गहरी जड़ें शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी मृतक का पार्टनर संजय उर्फ फौजी भी शामिल है। यह हत्याकांड केवल एक व्यक्तिगत विवाद से कहीं आगे निकलकर एक सुनियोजित षड्यंत्र साबित हुआ है, जिसमें पैसों के लालच और आपराधिक मानसिकता ने मिलकर एक निर्दोष व्यक्ति की जान ले ली।
घटना का क्रम और प्रारंभिक जांच:
30 नवंबर को यमुनोत्री विहार में एक व्यक्ति की लाश मिलने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुँची। मृतक की पहचान मंजेश कुमार के रूप में हुई, जो हरिद्वार के गांजा माजरा खेड़ी का रहने वाला था। प्रारंभिक जाँच में पता चला कि मंजेश प्रॉपर्टी डीलिंग के काम से जुड़ा था। मकान मालिक प्रदीप कुमार बौडीयाल से पूछताछ करने पर पता चला कि मंजेश की हत्या से दो महीने पहले उसने अपने मकान के ऊपर एक कमरा सचिन (भगवानपुर, हरिद्वार) नामक व्यक्ति को किराये पर दिया था। सचिन के साथ एक अन्य व्यक्ति अर्जुन (बिजोली, सोनीपत, हरियाणा) का भी आना-जाना था। इसके बाद पुलिस ने सचिन और अर्जुन को गिरफ्तार किया। सचिन ने पूछताछ में खुलासा किया कि मंजेश के पार्टनर संजय उर्फ फौजी के इशारे पर उसने अपने साथी अर्जुन के साथ मिलकर मंजेश की हत्या की थी। उसने यह भी बताया कि घटना के बाद मृतक की चेन और अंगूठी उसने अपने एक अन्य साथी अफजल के पास छोड़ दी थी। इसके बाद पुलिस ने संजय उर्फ फौजी और अफजल को भी गिरफ्तार कर लिया। अफजल के पास से मृतक की चेन और अंगूठी, और संजय के पास से मृतक की कार की चाबी बरामद हुई।
पार्टनरशिप का विवाद और 10 करोड़ की सुपारी:
पूछताछ के दौरान अर्जुन ने बताया कि वह और मंजेश मिलकर प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करते थे और दोनों संजय उर्फ फौजी के साथ पार्टनर थे। संजय ने राजपुर रोड, सहस्त्रधारा और झाझरा हाइवे पर कई प्लाट खरीदे थे, जिनकी डील होने पर उसे भारी मुनाफा होने वाला था। मंजेश इस मुनाफे में आधी हिस्सेदारी मांग रहा था, जिससे संजय और मंजेश के बीच विवाद चल रहा था। अर्जुन के अनुसार, मंजेश ने पहले संजय की हत्या की सुपारी देने की बात कही थी, लेकिन अर्जुन ने मना कर दिया था। इसके बाद संजय ने अर्जुन को मंजेश की हत्या करने की सुपारी दी और 10 करोड़ रुपये देने का वादा किया।
साजिश का क्रियान्वयन और हत्या:
10 करोड़ रुपये के लालच में अर्जुन ने अपने साथी सचिन को इस साज़िश में शामिल किया। उन्होंने मंजेश को शराब पिलाकर पहले बेहोश किया और फिर उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। हत्या के बाद, उन्होंने मंजेश की चेन और अंगूठी अपने पास रख ली और शव को ठिकाने लगाने की कोशिश की, लेकिन इसमें असफल रहे। आरोपियों ने मंजेश के शव को ठिकाने लगाने के लिए अपने एक अन्य साथी शुभम से संपर्क किया, परंतु उसने इनकार कर दिया। अर्जुन ने संजय को घटना की जानकारी दी और मंजेश की कार की चाबी उसे सौंप दी। संजय ने अर्जुन को 50,000 रुपये दिए और उसे अपनी कार से अस्पताल के पास छोड़ दिया। अर्जुन फिर अफजल के पास गया और उसे मंजेश की चेन और अंगूठी दे दी। पुलिस को भनक लगने पर अर्जुन गिरफ्तारी से बचने के लिए सोनीपत कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था, जहाँ पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
संजय उर्फ फौजी का आपराधिक इतिहास:
पुलिस जांच में पता चला कि संजय उर्फ फौजी पहले भारतीय सेना में कार्यरत था और 2018 में वालंटियर रिटायरमेंट ले लिया था। रिटायरमेंट के बाद उसने प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरू किया और अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से संबंध बना लिए। उसने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके कई विवादों को सुलझाया था और अब इस हत्याकांड में उसकी साज़िशकारी भूमिका सामने आई है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच:
पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है। पुलिस इस बात का पता लगाने में जुटी है कि क्या इस हत्याकांड में और भी लोग शामिल थे और क्या संजय के और भी अपराधिक मामले हैं। इस हत्याकांड से उत्तराखंड में बढ़ते भू-माफियाओं और अपराध की घटनाओं पर गंभीर सवाल उठते हैं।