शिमला: हिमाचल प्रदेश सरकार कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को बंद करने के बजाय उनमें नए और मांग वाले कोर्स शुरू करेगी। सरकार का लक्ष्य ऐसे डिग्री और डिप्लोमा कोर्स शुरू करना है जिनकी मांग ज़्यादा है और छात्रों को इन कोर्सों के लिए दूसरे राज्यों में जाने की ज़रूरत न पड़े। बीबीए, बीसीए, डाटा साइंस, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे कोर्स शुरू किए जाने की योजना है।
यह कदम छात्रों और शिक्षा विभाग दोनों के लिए फायदेमंद होगा। विभाग को कॉलेज बंद करने की ज़रूरत नहीं होगी और छात्रों को महंगे कोर्स करने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना पड़ेगा। शनिवार को राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में राज्य के सभी कॉलेजों के प्राचार्य उपस्थित थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी देर शाम बैठक में भाग लिया, जबकि दोपहर के सत्र को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने संबोधित किया।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कई कॉलेजों में छात्रों की संख्या 100 से भी कम है, जबकि आसपास अन्य कॉलेज भी मौजूद हैं। इसलिए, सरकार ने कम छात्र संख्या वाले कॉलेजों को बंद करने के बजाय उनमें नए कोर्स शुरू करने का विकल्प चुना है।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि सरकार स्कूली शिक्षा के बाद अब उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार पर ध्यान दे रही है। आने वाले समय में सरकारी कॉलेजों में बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। नए डिप्लोमा और डिग्री कोर्स उद्योगों की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए शुरू किए जाएँगे ताकि युवाओं को रोज़गार के अवसर आसानी से मिल सकें। बैठक में शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने भी प्रदेश के कॉलेजों में छात्रों और शिक्षकों की संख्या के असंतुलन की समस्या पर प्रकाश डाला। कई कॉलेजों में छात्रों की संख्या बहुत कम है जबकि शिक्षकों की संख्या ज़्यादा है, जबकि कुछ कॉलेजों में शिक्षकों की कमी है।
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