ढाका, 25 फरवरी: बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ चल रहे हिंसक प्रदर्शनों के बीच शुक्रवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
-
सत्तारूढ़ अवामी लीग के महासचिव ओबैदुल कादर ने कर्फ्यू की घोषणा की।
-
पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों द्वारा प्रदर्शनकारियों पर गोलीबारी और राजधानी में सभी सभाओं पर प्रतिबंध के बाद यह कदम उठाया गया।
-
शेख हसीना सरकार ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों की तैनाती का आदेश दिया है।
हिंसा का असर:
-
शुक्रवार को न्यूज चैनल बंद रहे और दूरसंचार व्यापक रूप से बाधित रहा।
-
इंटरनेट सेवाएं और मोबाइल डाटा भी बंद कर दिया गया।
-
कई समाचार पत्रों की वेबसाइटें और इंटरनेट मीडिया हैंडल भी सक्रिय नहीं थे।
भारतीय छात्र प्रभावित:
-
हिंसा से कई भारतीय छात्र भी प्रभावित हुए हैं।
-
मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने बताया कि 405 भारतीय छात्रों को बांग्लादेश से सुरक्षित निकाल लिया गया है।
हिंसा में 105 की मौत:
-
शुक्रवार को फिर हिंसा हुई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई।
-
इस सप्ताह झड़पों में लगभग 105 लोग मारे गए हैं और 2,500 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों की मांग:
-
प्रदर्शनकारी 1971 में मुक्ति संग्राम में भाग लेने वालों के परिवार के सदस्यों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण को खत्म करने की मांग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की वेबसाइट हैक:
-
ऐसा लगता है कि बांग्लादेश केंद्रीय बैंक, प्रधानमंत्री कार्यालय और पुलिस की आधिकारिक वेबसाइटों को हैक कर लिया गया है।
यूएन का आग्रह:
-
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने बांग्लादेश सरकार से बातचीत के लिए अनुकूल माहौल सुनिश्चित करने का आग्रह किया है।
Pls read:Delhi: पाकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन: क्या पीएम मोदी जाएँगे?