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माले: मालदीव की मुइज्जू सरकार ने एक बार फिर भारत विरोधी चाल चलते हुए, पिछली सरकार द्वारा भारत के साथ किए गए चार सैन्य समझौतों की जांच का आदेश दिया है। यह फैसला मालदीव की संसदीय समिति ने एक प्रस्ताव पारित करके लिया है।
मुइज्जू सरकार का दावा: चीन समर्थक मुइज्जू सरकार का दावा है कि ये समझौते मालदीव की स्वतंत्रता और संप्रभुता को प्रभावित करते हैं।
समिति की तीसरी बैठक में फैसला: समिति की तीसरी बैठक में हिताधू सेंट्रल के सांसद अहमद अजान द्वारा दिए गए प्रस्ताव के बाद यह फैसला लिया गया। अजान ने 2018 और 2023 के बीच की घटनाओं की संसदीय जांच का प्रस्ताव रखा था, जिसमें कथित तौर पर मालदीव की संप्रभुता को खतरा बताया गया था।
चार सदस्यीय उप-समिति का गठन: समिति ने जांच के तौर-तरीकों को रेखांकित करने के लिए चार सदस्यीय उप-समिति का गठन किया है।
कासिम इब्राहिम का समर्थन: मामीगिली के सांसद कासिम इब्राहिम ने अजान के प्रस्ताव का समर्थन करते हुए मालदीव और मॉरीशस के बीच सीमांकन मुद्दे की जांच की मांग की।
भारत विरोधी रुख: मालदीव में सत्ता परिवर्तन के बाद से चीन के प्रभाव में बढ़ोतरी हुई है, और मुइज्जू सरकार लगातार भारत विरोधी रुख अपना रही है। यह कदम भारत और मालदीव के बीच संबंधों में खटास लाने का प्रयास माना जा रहा है।
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