उत्तराखंड के आयुर्वेद एवं यूनानी विभाग ने बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की १४ दवाओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं और उनके उत्पादन पर रोक लगा दी है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई न करने पर फटकार लगाए जाने के बाद की गई है।
मुख्य बिंदु:
-
१४ दवाओं के लाइसेंस निलंबित: राज्य औषधि अनुज्ञापन अधिकारी ने दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड की १४ दवाओं के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं।
-
उत्पादन पर रोक: इन दवाओं के निर्माण पर भी रोक लगा दी गई है।
-
सुप्रीम कोर्ट की फटकार: यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट द्वारा भ्रामक विज्ञापनों पर कार्रवाई न करने पर फटकार लगाए जाने के बाद की गई है।
-
IMA की प्रतिक्रिया: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने बाबा रामदेव की आलोचना करते हुए कहा है कि उन्होंने कोविड–१९ के इलाज के बारे में झूठे दावे करके और आधुनिक चिकित्सा पद्धति को बदनाम करके हद पार कर दी है।
पृष्ठभूमि:
-
सुप्रीम कोर्ट IMA की २०२२ की एक याचिका पर सुनवाई कर रहा है जिसमें कोविड रोधी टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक पद्धतियों को बदनाम करने का आरोप लगाया गया है।
-
पिछले महीने, सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड से भ्रामक विज्ञापनों पर उसके आदेशों का पालन नहीं करने के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगने को कहा था।
-
इस मामले की अगली सुनवाई ३० अप्रैल को होनी है।
संभावित प्रभाव:
-
इस कार्रवाई से बाबा रामदेव की कंपनियों की छवि खराब हो सकती है और उनके उत्पादों की बिक्री पर असर पड़ सकता है।
-
यह कार्रवाई अन्य कंपनियों के लिए भी एक चेतावनी है जो भ्रामक विज्ञापनों का सहारा लेती हैं।