यरुशलम: गाजा पट्टी में राहतकर्मियों पर हुए हमले के बाद इज़राइल बैकफुट पर आ गया है। इस घटना में सात राहतकर्मियों की मौत हो गई थी, जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इज़राइल की कड़ी आलोचना हुई। इस मामले में इज़राइली सेना ने दो अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है और तीन अन्य को फटकार लगाई है।
रिटायर्ड जनरल की जांच में खुला मनमाने हमलों का राज
रिटायर्ड जनरल योएव हर–इवेन की शुरुआती जांच में पता चला है कि गाजा में इज़राइली सेना मनमाने ढंग से हमले कर रही थी और उसे इस बात की परवाह नहीं थी कि निशाना कौन बन रहा है। इस घटना के लिए पांच अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया गया है।
अमेरिका ने दी समर्थन पर पुनर्विचार की चेतावनी
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि बार–बार कहने के बावजूद इज़राइल ने गाजा में आम नागरिकों और राहतकर्मियों को हमलों से बचाने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर आम नागरिकों और राहतकर्मियों की मौत का सिलसिला जारी रहा तो अमेरिका इज़राइल को दिए जा रहे अपने समर्थन पर पुनर्विचार कर सकता है।
राहत सामग्री के लिए खोला गया क्रॉसिंग
अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इज़राइल सरकार ने उत्तरी गाजा में राहत सामग्री पहुंचाने के लिए इरेज क्रॉसिंग को खोलने का फैसला किया है। इसके अलावा दक्षिणी गाजा में सामग्री पहुंचाने के लिए अशडोब बंदरगाह पर जहाजों को लंगर डालने की अनुमति दी जाएगी।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने की निंदा
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने गाजा पट्टी में इज़राइली सेना की कार्रवाई के विरोध में आए प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है। परिषद ने गाजा में इज़राइली सेना द्वारा मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं पर चिंता जताई है और उसकी निंदा की है।