न्यूयॉर्क। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इजराइल और हमास युद्ध में नागरिकों की मौत की निंदा की है। इस दौरान उन्होंने कहा कि चिंताजनक मानवीय संकट ‘स्पष्ट रूप से अस्वीकार्य’ है। कम्बोज ने कहा, इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध में बड़े पैमाने पर महिलाओं और बच्चों की जान चली गई है। इससे खतरनाक मानवीय संकट पैदा हो गया है। यह अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा कि 7 अक्टूबर को इजराइल में हुए आतंकवादी हमलों की भारत पहले निंदा कर चुकी है। भारत का आतंकवाद के प्रति शून्य-सहिष्णुता दृष्टिकोण है।
पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक को संबोधित करते हुए कंबोज ने क्षेत्र में मौजूदा स्थिति को सामान्य बनाने और गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने के लिए भारत के निरंतर प्रयासों पर प्रकाश डाला।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी दूत ने कहा, भारत का नेतृत्व इजराइल और फलस्तीन सहित क्षेत्र के नेताओं के साथ लगातार संपर्क में है। हमने जी20, ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय मंचों और नवंबर 2023 में ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन में भी अपने विचार व्यक्त किए हैं और हमने इस मुद्दे पर अपनी दीर्घकालिक और प्रमुख स्थिति को दोहराया है। कंबोज ने कहा, भारत ने अब तक फलस्तीन के लोगों को दो किश्तों में 16.5 टन दवा और चिकित्सा आपूर्ति सहित 70 टन मानवीय सहायता दी है। फिलिस्तीन को भारत ने 5 मिलियन डॉलर भी प्रदान किए हैं।
कंबोज ने कहा, इस संघर्ष की शुरुआत के बाद से भारत ने जो संदेश दिया है वह स्पष्ट और सुसंगत है। वृद्धि को रोकना, मानवीय सहायता की निरंतर डिलीवरी सुनिश्चित करना, शांति और स्थिरता की शीघ्र बहाली की दिशा में काम करना महत्वपूर्ण है। बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।
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