उत्तरकाशी। सिलक्यारा सुरंग निर्माण कंपनी नवयुग इंजीनियरिंग ने सोमवार को सिलक्यारा सुरंग के मुहाने के निकट बौखनाग देवता मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों को सकुशल निकाले जाने का कार्य पूरा होने पर 1 दिसंबर को नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी बौखनाग टॉप स्थित मंदिर में पहुंचे। जहां उन्होंने सिलक्यारा सुरंग के पास भव्य मंदिर बनाए जाने का भी आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि सिलक्यारा सुरंग बनाते हुए बाबा बौखनाग की मंदिर तोड़ दिया गया था। इसके बाद सुरंग हादसा हुआ। 17 दिन तक 41 श्रमिक फंसे रहे। बेहद कठिन रेस्क्यू आपरेशन से उनका बचाया गया। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने मंदिर तोड़ने को हादसे की वजह बताया। रेस्क्यू अभियान के दौरान अस्थाई तौर पर मंदिर स्थापित कर दिया। इस मंदिर में सुबह और शाम के समय नियमित पूजा अर्चना चल रही है।
नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी के प्रोजेक्ट मैनेजर राजेश पंवार ने बताया कि सिलक्यारा सुरंग में खोज बचाव के सफल होने की बौखनाग देवता से कामना की गई थी। कंपनी की ओर से मंदिर निर्माण का वचन दिया गया था। इसलिए सोमवार को सिलक्यारा सुरंग के पास मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन का दिन पहले से ही तय था।
हादसे के बाद से ही अभी सुरंग का निर्माण बडकोट और सिलक्यारा की ओर से बंद है। सभी मशीन बंद हैं। जब सुरंग में काम करने की अनुमति मिलेगी। राजेश पंवार ने बताया कि निर्माण कब शुरू होगा कुछ पता नहीं है। बस इंतजार किया जा रहा है।
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