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धर्मशाला। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में आपदा से हिमाचल को हुए नुकसान और केंद्र से मिली आर्थिक सहायता पर सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी नोकझोंक हुई। विपक्षी आरोप लगा रहा था कि मुख्यमंत्री का वक्तव्य तथ्यों पर आधारित नहीं है। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर को कहा कि जयराम जी… आप समय निकालें, जब आपके पास समय होगा मुझे बता दें। हम दोनों साथ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने जाएंगे। इस पर जयराम ठाकुर ने कहा, मैं तो चल ही पड़ूंगा।
यह राशि सभी जिलों व संबंधित विभागों को राहत एवं बचाव कार्यों के लिए जारी कर दी गई है। केंद्र सरकार की तरफ से 19 दिसंबर को केवल 397.98 करोड़ रुपये मिले, जो प्रदेश में हुए नुकसान का केवल 6.40 प्रतिशत है।
सुक्खू ने कहा कि इससे पहले बीते वर्षों में हुए बरसाती नुकसान में केंद्र ने ज्यादा रकम जारी की, जबकि इस बार तो भीषण आपदा आई थी। वर्ष 2018-19 में 2099.42 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर 396.89 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 1551.26 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर 348.46 रुपये तथा वर्ष 2020-21 में 865.19 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर 120.21 करोड़ रुपये मिले।
इसके बावजूद वर्ष 2023-24 में 9,905.77 करोड़ रुपये का नुकसान होने पर सिर्फ 633.73 करोड़ रुपये मिले हैं। प्रदेश सरकार को 2,000 हजार करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता की उम्मीद थी और इस बारे में विधानसभा ने भी प्रस्ताव पारित किया था।
सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की स्थिति यह है कि भाजपा के सांसद प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री से मिलने से डरते हैं। आप चिंता मत करो मैं दिसंबर के अंतिम सप्ताह में इस विषय पर प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय गृह मंत्री से मिलूंगा और प्रदेश का पक्ष रखूंगा।
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