Punjab: पंजाब में साल 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 30 फीसदी तक बढ़ाई जायेगी: अमन अरोड़ा – The Hill News

Punjab: पंजाब में साल 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी 30 फीसदी तक बढ़ाई जायेगी: अमन अरोड़ा

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  • नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्री द्वारा ‘ऊर्जा दक्षता के लिए निवेश बाज़ार’ विषय पर एक-दिवसीय कॉन्फ्रेंस-कम-प्रदर्शनी का उद्घाटन

    चंडीगढ़, 13 अक्तूबर:
    पंजाब के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत मंत्रीअमन अरोड़ा ने आज यहाँ पंजाब ऊर्जा विकास एजेंसी (पेडा) द्वारा ‘ऊर्जा दक्षता के लिए निवेश बाज़ार’ विषय पर करवाई गई एक दिवसीय कॉन्फ्रेंस-कम-प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य ऊर्जा दक्षता प्रोजेक्टों से सम्बन्धित उद्योगों और एम.एस.एम.इज में निवेश की संभावनाओं के बारे में विचार-चर्चा करना था।

    कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमन अरोड़ा ने बताया कि पंजाब विजन डाक्यूमेंट 2030 रणनीति के अंतर्गत राज्य द्वारा नवीकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी साल 2030 तक मौजूदा 15 फीसदी से 30 फीसदी तक बढ़ाने के लिए सक्रियता से सहृदय यत्न किये जा रहे हैं। इस विजन के अंतर्गत न केवल ऊर्जा पैदा करने की तरफ ध्यान दिया जा रहा है, बल्कि अलग-अलग क्षेत्रों में ऊर्जा की माँग सम्बन्धी उचित कदम उठाने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है। उन्होंने राज्य में उद्योगों और एम.एस.एम.इज में ऊर्जा दक्षता और नवीन ऊर्जा कुशल तकनीकों को लागू करने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
    उद्योगों और एम.एस.एम.इज में निवेश की संभावनाएं, जो राज्य स्तर पर बुनियादी ढांचे को मज़बूत कर सकती हैं, पर ध्यान केंद्रित करते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि ऊर्जा ऊर्जा धीरे-धीरे आपूर्ति संचालित के बजाय मांग संचालित हो रही है। उन्होंने उद्योगों और एम.एस.एम.इज में ऊर्जा कुशल गतिविधियों को लागू करने के लिए प्रोजैक्ट लागू करने वालों और फंडिंग एजेंसियों के दरमियान जानकारी और संचार के अंतर को खत्म करने की ज़रूरत पर भी ज़ोर दिया। उन्होंने उद्योग, ट्रांसपोर्ट, बिल्डिंग और कृषि सैक्टरों की महत्ता पर भी ज़ोर दिया, जो नये अवसर पैदा कर रहे हैं।
    पेडा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. अमरपाल सिंह ने कहा कि स्वच्छ और कार्बन की कम निकासी वाले उपायों को लागू करने और नवीकरणीय खरीद जि़म्मेदारियों को पूरा करने के लिए देश में ऊर्जा परिवर्तन में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए पंजाब के नाम पर विचार किया जा रहा है।
    यह बदलती प्रस्थितियाँ साफ़-सुथरी और कार्बन की कम निकासी वाली बिजली उत्पादन तकनीकों का प्रयोग करके, घरेलू और व्यापारिक क्षेत्रों की डिमांड के लिए लो-कार्बन हीटिंग और कूलिंग तकनीकें और खाना पकाने के लिए साफ़ ईंधण प्रदान करके, ग्रामीण क्षेत्रों तक ऊर्जा की पहुँच को बढ़ाकर और कृषि गतिविधियों के आधुनिकीकरण के ज़रिये ऊर्जा क्षेत्र के रोज़ाना के कामकाज के तरीकों को फिर से परिभाषित करने के लिए राज्य को नयी दिशा देंगी। उन्होंने उद्योगों और एम.एस.एम.इज में ऐसे प्रोजेक्टों को लागू करने के लिए अन्य हितधारकों को प्रेरित करने के लिए ऊर्जा कुशलता प्रोजेक्टों के सफलतापूर्वक लागूकरण के प्रदर्शन का सुझाव भी दिया।
    बिजली मंत्रालय के अधीन ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के ज्वाइंट डायरैक्टर श्याम सुंदर ने राज्य में ऊर्जा कुशलता प्रोजेक्टों को लागू करने के लिए उद्योगों और एम.एस.एम.इज के महत्व और भागीदारी एवं कॉन्फ्रेंस के उद्देश्य के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन प्रोजेक्टों से राज्य की आर्थिकता को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने साथ ही यह सुझाव दिया कि बैंकों/ वित्तीय संस्थाओं को राज्य में ऐसे प्रोजेक्टों के लिए सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में बाज़ार की भूमिका को प्रोत्साहित करने और इसको और अधिक मार्केट- ओरीऐंटिड बनाने के महत्व पर भी चर्चा की।
    जि़क्रयोग्य है कि एनर्जी ऐफीशैंसी फाइनैंसिंग प्लेटफॉर्म ( ई.ई.एफ.पी.) एनर्जी ऐफीशैंसी प्रोजेक्टों के लिए फाइनैंस को प्रोत्साहित करने के लिए ऐनहैन्स्ड एनर्जी ऐफीशैंसी ( एन.एम.ई.ई.ई.) सम्बन्धी राष्ट्रीय मिशन के अंतर्गत एक पहल है। ब्यूरो ऑफ एनर्जी ऐफीशैंसी ( बी.ई.ई.) द्वारा देश भर में अलग-अलग क्षेत्रीय कॉफ्रेंसों का आयोजन किया जा रहा है, जहाँ पी.ए.टी. स्कीम के अधीन सभी मौजूदा मनोनीत उपभोक्ताओं के साथ-साथ अन्य उद्योगों और एम.एस.एम.इज को न्योता दिया जा रहा है, जिसमें पंजाब को प्रगतिशील राज्यों में से एक के तौर पर चुना गया है।

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