Punjab: भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा खिलाड़ियों और कोचों के लिए नकद इनामों की सौगात – The Hill News

Punjab: भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा खिलाड़ियों और कोचों के लिए नकद इनामों की सौगात

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  • मीत हेयर द्वारा पंजाब की नयी खेल नीति के विवरण जारी
  • ओलम्पिक पदक विजेताओं को मिलेंगे क्रमवार तीन, दो और एक करोड़ रुपए
  • गाँव स्तर से खेल नरसरियाँ स्थापित करने का फ़ैसला, कोचों की संख्या 309 से बढ़ा कर 2360 करने का फ़ैसला
  • बेहतरीन खिलाड़ियों के लिए 500 पद बनाये
  • अब 80 से अधिक खेल मुकाबलों के पदक विजेताओं को मिलेंगे नकद इनाम
  • कोचों के लिए बलबीर सिंह सीनियर और प्रमोटरों के लिए मिल्खा सिंह अवार्ड की शुरुआत
  • बलबीर सिंह सीनियर स्कीम के अंतर्गत पदक विजेताओं को 16000 और 12000 रुपए महीना वज़ीफ़ा मिलेगा
  • अंतरराष्ट्रीय खेल मुकाबलों की तैयारी के लिए 15 लाख रुपए तक मिलेगी राशि

चंडीगढ़, 31 जुलाईः

पंजाब को खेल के क्षेत्र में देश का नंबर एक राज्य बनाने और राज्य में खेल सभ्याचार पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली कैबिनेट द्वारा पास की नयी खेल नीति के आज विवरण जारी करते हुये खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने आज पंजाब भवन में प्रैस कान्फ़्रेंस के दौरान खिलाड़ियों के लिए नयी सौगातों का ऐलान किया।

राज्य सरकार की नयी खेल नीति में नकद इनामों का ऐलान करते हुये खिलाड़ियों और कोचों के लिए अवार्ड और खिलाड़ियों के लिए नौकरियों का रास्ता साफ कर दिया। राज्य के हर गाँव में खेल नरसरी बनाने से लेकर स्टेट स्तर की अत्याधुनिक सहूलतों के साथ लैस सैंटर बनेंगे। खेल मंत्री द्वारा नयी खेल नीति के विवरण विशेष मुख्य सचिव सरवजीत सिंह और माहिरों की कमेटी के मैंबर द्रोणाचारी ऐवार्डी गुरबख़श सिंह संधू, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के मौजूदा खेल डायरैक्टर और पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के पूर्व खेल डायरैक्टर डा. राज कुमार शर्मा और महाराजा भुपिन्दर सिंह पंजाब खेल यूनिवर्सिटी पटियाला के वाइस चांसलर लैफ्टिनैंट जनरल जे. एस. चीमा की हाज़िरी में जारी किये गए।

मीत हेयर ने बताया कि ओलम्पिक खेलों के स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक विजेताओं की मौजूदा इनाम राशि क्रमवार 2. 25 करोड़, डेढ़ करोड़ रुपए और एक करोड़ रुपए से बढ़ा कर क्रमवार 3 करोड़, 2 करोड़ और एक करोड़ करने का फ़ैसला किया। इससे पहले करीब 25 खेल और पदक विजेताओं को नकद इनाम मिलते थे जबकि अब इनकी संख्या बढ़ा कर 80 से अधिक कर दी है।

नये खेल मुकाबलों में स्पेशल ओलम्पिक्स, डैफ ओलम्पिक्स, पैरा वर्ल्ड गेमज़ ( 75, 50 और 30 लाख रुपए), बैडमिंटन के थोमस कप, ओबेर कप, बी. डब्ल्यू एफ वर्ल्ड टूर फ़ाईनल ( 75, 50 और 40 लाख रुपए), टैनिस के सभी ग्रैंड स्लैम ( 75, 50 और 40 लाख रुपए), अजलान शाह हॉकी कप ( 75, 50 और 40 लाख रुपए), डायमंड लीग और मान्यता प्राप्त इंटरनेशनल संस्थाओं के मान्यता प्राप्त टूर्नामैंट ( 75, 50 और 40 लाख रुपए), डैफ वर्ल्ड कप, ब्लाइंड वर्ल्ड कप ( 60, 40 और 20 लाख रुपए), यूथ ओलम्पिक खेल ( 50, 30 और 20 लाख रुपए) आदि शामिल किया गया है।

मीत हेयर ने आगे बताया कि पदक विजेता बेहतरीन खिलाड़ियों के लिए तैयार किये विशेष काडर में 500 पोस्टों की व्यवस्था जिनमें 40 डिप्टी डायरैक्टर, 92 सीनियर कोच, 138 कोच और 230 जूनियर कोच शामिल हैं। उन्होंने बताया कि हरियाणा में 2017 कोचों के मुकाबले पंजाब में सिर्फ़ 309 कोच हैं और नयी खेल नीति अनुसार 2360 कोचों की प्रस्तावना है।

खिलाड़ियों की तरह कोचों और प्रमोटरों के लिए पहली बार अवार्ड शुरू करने का फ़ैसला किया गया है। मीत हेयर ने बताया कि पंजाब के कोचों को अब ओलम्पियन बलबीर सिंह सीनियर कोच अवार्ड मिलेगा जिसमें 5 लाख रुपए इनाम राशि, ट्राफी और बलेज़र शामिल होगा। इसी तरह खेल को परमोट करने वाली कोई भी निजी संस्था या व्यक्ति के लिए मिल्खा सिंह अवार्ड फार स्पोर्टस प्रमोटरज़/ आर्गेनाइजेशन शुरू किया जा रहा है। इनाम राशि में 5 लाख रुपए, ममैंटो, बलेज़र और सम्मान पत्र शामिल होगा।

मीत हेयर ने आगे बताया कि सभी उम्र वर्गों और फिजिकल फिटनेस को ध्यान में रखते हुये गाँव स्तर पर स्थानीय ज़रूरतों को देखते हुये खेल मैदान स्थापित किये जाएंगे। कुल बजट की 25 प्रतिशत वन टाईम मैचिंग ग्रांट ( अधिकतम 10 लाख रुपए प्रति गाँव) देने की व्यवस्था होगी। इसी तरह बेहतर कोचिंग, खेल समान और रिफरैशमैंट वाली कलस्टर स्तर की 1000 खेल नरसरियाँ स्थापित की जाएंगी। 25 लाख रुपए प्रति नरसरी के हिसाब के साथ इसका कुल 250 करोड़ रुपए बजट होगा। राष्ट्रीय स्तर के मुकाबलों के लिए खिलाड़ियों को तैयार करने के लिए हर जिले में 200 खिलाड़ियों के स्पोर्टस होस्टलों वाला ज़िला खेल ढांचा बनाया जाना है। राज्य भर में कुल 5000 खिलाड़ियों का सामर्थ्य होगा जिसका 250 करोड़ रुपए बजट बनता है। अत्याधुनिक सहूलतों के साथ लैस स्टेट स्तर के सैंटर स्थापित करने हैं। जालंधर, माहलपुर के इलावा मोहाली, पटियाला, लुधिना, बठिंडा और अमृतसर के ज़िला स्तरीय ढांचे को स्टेट स्तर तक अपग्रेड करना है।

खेल मंत्री ने बताया कि 35 ग्रेडशन सूची वाली खेलों की ग्रेडशन के इलावा ओलम्पिक, एशियाई और कॉमनवैल्थ खेलों में शामिल खेलों की भी ग्रेडशन होगी। ग्रेडशन सर्टिफिकेट ऑनलाइन देने की व्यवस्था की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार सिर्फ़ मान्यता प्राप्त खेलों को ही ग्रेडशन, नौकरियाँ और नकद इनाम दे सकती है। कोचों और पी. टी. आईज़ की भर्ती के लिए खेल की प्राप्तियों को 30 प्रतिशत प्रमुखता दी जायेगी। खिलाड़ियों के चयन के लिए पारदर्शिता और निरपक्षता लाने के लिए नये नियम लाए जाएंगे जिसके अंतर्गत माहिर कोच निगरान नियुक्त होंगे। खिलाड़ियों के प्रोफाइल के लिए वैबसाईट तैयार की जायेगी। खेल मुकाबलों के सीधे प्रसारण के लिए समर्पित यू ट्यूब चैनल शुरू किया जायेगा।

अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल मुकाबलों की सिर्फ़ तैयारी के लिए पहली बार नकद इनाम राशि के ऐलान करते हुये मीत हेयर ने बताया कि ओलम्पिक खेलों और पैरालम्पिकस के लिए 15 लाख रुपए, डैफलम्पिकस, स्पेशल ओलम्पिक्स, विश्व चैंपियनशिप और विश्व कप (चार वर्षीय), एशियन गेमज़, पैरा एशियन और डैफ एसियन गेमज़, कामनवैल्थ, पैरा और डैफ कामनवैल्थ गेमज़, चार वर्षों के बाद होने वाले विश्व गेमज़ के लिए 8-8 लाख रुपए, स्पेशल ओलम्पिक्स के लिए 7 लाख रुपए, आई सी सी विश्व कप, विश्व टैस्ट चैंपियनशिप, ट्वंटी- 20 विश्व कप और ब्लाइंड विश्व कप के लिए 6 लाख रुपए, हर साल होने वाली विश्व चैंपियनशिप और एफ्रो एशियन गेमज़ के लिए 5 लाख रुपए, यूथ ओलम्पिक्स, एशियन और कामनवैल्थ चैंपियनशिप के लिए 4 लाख रुपए, सेफ गेमज़ और सेफ चैंपियनशिप के लिए 3 लाख रुपए, विश्व यूनिवर्सिटी गेमज़, यूथ कामनवैल्थ गेमज़, विश्व जूनियर गेमज़ और चैंपियनशिप के लिए 1 लाख रुपए दिए जाएंगे।

खेल मंत्री ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेताओं को मासिक वज़ीफ़ा देने के लिए पहली बार बलबीर सिंह सीनियर वज़ीफ़ा स्कीम देने की शुरुआत की गई है। इस स्कीम के अंतर्गत सीनियर स्तर पर नेशनल पदक विजेता को एक साल के लिए 16 हज़ार रुपए वज़ीफ़ा और जूनियर स्तर पर नेशनल पदक विजेता को एक साल के लिए 12 हज़ार रुपए वज़ीफ़ा दिया जायेगा।

मीत हेयर ने आगे बताया कि पिछले समय में खेलों में आईं तबदीलियों और पिछली खेल नीतियों में कई खामियों को देखते हुये मुख्यमंत्री की तरफ से नयी खेल नीति बनाने का फ़ैसला किया गया। खेल विभाग की तरफ से नयी नीति बनाने के लिए माहिरों की कमेटी बनाई गई। कमेटी में हॉकी ओलम्पियन सुरिन्दर सिंह सोढी और पूर्व डी. जी. पी. राजदीप सिंह गिल के इलावा एन. आई. एस., साई. उच्च शिक्षा और स्कूल शिक्षा के खेल से सम्बन्धित नुमायंदे शामिल किये गए। पंजाब पैरा स्पोर्टस एसोसिएशन के नुमायंदे और ज़िला खेल अफ़सर की शमूलियत के अलावा सामान्य लोगों से सुझाव लिए गए।

 

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