नई दिल्ली। उत्तराखंड की ख़ानपुर विधानसभा से निर्दलीय विधायक उमेश कुमार पर लगे रेप केस के मामले में दिल्ली पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ दायर याचिका पर कल 11 जुलाई को दिल्ली हाई कोर्ट में होनी है। कोर्ट तय करेगा कि उमेश कुमार के उपर बलात्कार के मुक़दमे में दिल्ली पुलिस की क्लोज़र रिपोर्ट सही है या नहीं?
गौरतलब है कि 2018 में उमेश कुमार पर एक महिला ने दिल्ली में बलात्कार का मामला दर्ज कराया था। यह महिला ग़ाज़ियाबाद में एक जिम में इंस्ट्रक्टर थी जहाँ उमेश कुमार एक्सरसाइज करने जाते थे। लड़की के मुताबिक़ जिम में मुलाक़ात के बाद उमेश कुमार ने उन्हें अपने न्यूज़ चैनल समाचार प्लस में बतौर वाइस प्रेसिडेंट का पद दिया था और उसके बाद शादी का झाँसा देकर अलग अलग जगहों पर उसके साथ संबंध बनाए।
जब महिला को पता लगा कि उमेश शादीशुदा है और महिला को धोखा देकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए गए है तो इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस से की। इसके बाद उमेश के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज हो गया। इस बीच उमेश ने किसी तरह लड़की को समझा बुझाकर समझौते का एफिडेविट ले लिया। और फिर लड़की और उसके दोस्त पर रंगदारी व ब्लैकमेलिंग का आरोप लगा नोएडा जेल पहुँचा दिया।
अब लड़की का आरोप है कि इसी बीच उमेश ने दिल्ली पुलिस के इन्वेस्टिगेशन ऑफ़िसर , जांच अधिकारी से साठगांठ कर फटाफट क्लोज़र रिपोर्ट लगवा दी। लेकिन पीड़ित लड़की ने तुरंत क्लोज़र रिपोर्ट को चैलेंज कर दिया। बलात्कार के मामले में इतनी जल्दी क्लोज़र रिपोर्ट लगने से कई सवाल खड़े हो गए। लड़की ने हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया । हाई कोर्ट में जारी सुनवाई में इस बात का खुलासा हुआ कि इस पूरे मामले में जाँच अधिकारी ने लड़की के बयान लिए ही नहीं ।
हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए केस जारी रखने की इजाज़त दी। 2022 के विधानसभा चुनाव में उमेश कुमार खानपुर से निर्दलीय विधायक जीत गया। चुनावी शपथ पत्र में रेप केस समेत अन्य मामलों का उल्लेख नहीं करने का एक मामला भी नैनीताल हाईकोर्ट में चल रहा है। इधर, हाईकोर्ट में अब यह रेप का मामला फाइनल मोड़ पर खड़ा है। यदि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा लड़की के पक्ष में फ़ैसला दिया जाता है तो खानपुर के विधायक उमेश कुमार की मुश्किलें बढ़नी तय है।
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