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बरेली। उत्तर प्रदेश की एक पीसीएस अधिकारी और उसके पति के बीच विवाद गहरा गया है। पत्नी प्रशासनिक अफसर है तो पति सफाई कर्मचारी। रिश्ता बेमेल है,लेकिन शादी से पहले ऐसा नहीं था। 2010 में जब शादी हुई तो पत्नी बीए कर रही थी और पति सरकारी कर्मचारी था। अब पत्नी के परिजनों को कहना है कि हमें बताया गया था कि शादी के समय बताया गया था कि लड़का पंचायत अधिकारी है। वहीं पत्नी का कहना है कि उन्हें शादी के आठ साल बाद पता लगा कि पति सफाई कर्मचारी है।
पत्नी ने ग्रेजुएशन के बाद पीसीएस की परीक्षा दी और 2015 में प्रशासनिक अधिकारी बन भी गई। उसके बाद भी दोनों साथ रहते रहे, लेकिन अप्रैल 2023 में पत्नी ने तलाक की अर्जी कोर्ट में लगी दी जिसके बाद घर की बातें बाहर आने लगी और आरोप प्रत्योप का दौर शुरू हो गया। प्रयागराज निवासी पति आरोप लगा रहे कि पत्नी की गाजियाबाद के एक अफसर से घनिष्ठता है। वे दोनों हत्या करा सकते हैं। आरोप-प्रत्यारोप लखनऊ तक पहुंचने पर शासन से जांच शुरू हो चुकी है। पत्नी का कहना है कि परिवार बचाने और बच्चों के भविष्य की खातिर समझौता कर लिया, मगर मानसिक प्रताड़ना कब तक बर्दाश्त कर पाती? मेरी वाट्सएप चैट हैक की जातीं, ब्लैकमेल किया जाता था। ऐसे माहौल में साथ रहना संभव नहीं, इसलिए अप्रैल में तलाक की अर्जी लगा दी।
इस पर पति निजी वीडियो में छेड़छाड़ कर बदनाम करने की धमकी देने लगे। तलाक के बदले प्रयागराज स्थित मेरा मकान और 50 लाख रुपये की मांग की। परेशान होकर मई में प्रयागराज में उनके विरुद्ध प्राथमिकी लिखवानी पड़ी। उसके बाद से उन्होंने कई झूठे प्रपत्र व वाट्सएप चैट इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित करनी शुरू कर दी। मेरे लिए कानून सर्वोपरि है, इसी के सहारे परिस्थितियों से बाहर निकल जाऊंगी।
महिला अफसर के पति ने बताया कि रिश्तेदार होने के कारण मामा ने मध्यस्थता कर उनसे रिश्ता तय कराया था। शादी के समय पत्नी बीए की पढ़ाई कर रही थीं। उनकी इच्छानुसार प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी को कोचिंग कराईं, धनराशि खर्च की। अधिकारी बनने के बाद उनके व्यवहार में बदलाव होने लगा। झलवा में मेरा मकान है मगर, वहां पत्नी के स्वजन रहते हैं।
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