प्रदेश में सहकारिता विभाग के तहत भर्ती घोटाले में की जांच को एक साल पूरा हो गया है, लेकिन अभी तक मंत्री धन सिंह रावत ने कोई कार्रवाई नहीं की है। तीन जिलों देहरादून, पिथौरागढ़ और ऊधमसिंह नगर में जिला सहकारी बैंकों में हुए भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट एक से दूसरी टेबल पर घूम रही है। अब रिपोर्ट को एक बार फिर जांच समिति के पास भेजा जा रहा है।
विभागीय सूत्रों के मुताबिक जांच समिति ने अपनी जो रिपोर्ट शासन को सौंपी है, उसमें बैंक के अध्यक्ष, महाप्रबंधक सहित सहायक निबंधक स्तर तक के अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिली, लेकिन विभाग जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बजाए उसपर कुंडली मार कर बैठा है। माना जा रहा है कि हाईप्रोफाइल लोगाें के इस गड़बड़झाले में शामिल होने की वजह से ही जांच को लगातार लटकाया जा रहा है।
इस मामले में सहकारिता मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर ही शासन ने मार्च 2022 में जांच के आदेश दिए थे। अपर निबंधक नीरज बेलवाल और उप निबंधक मान सिंह सैनी की समिति ने जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी। इसके बाद न्याय विभाग की राय पर एक बार फिर चयन मंडल में शामिल लोगों (अध्यक्ष, महाप्रबंधक और सहायक निबंधक) को भी पूछताछ में शामिल किया जाए। जांच समिति ने सभी अधिकारियों के बयान लेने के बाद एक बार फिर रिपोर्ट शासन को सौंप दी थी, लेकिन शासन की ओर से इसे कार्मिक विभाग को भेज दिया गया है। अब जांच समिति से कुछ बिंदुओं पर फिर से रिपोर्ट मांगी गई है।
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