uttarpradesh : निकाय चुनाव में बंटा मुस्लिम वोट, सपा को नुकसान भाजपा को फायदा – The Hill News

uttarpradesh : निकाय चुनाव में बंटा मुस्लिम वोट, सपा को नुकसान भाजपा को फायदा

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव के नतीजों ने राजनीतिक समीकरणों की स्थिति साफ कर दी है। चुनाव में मुस्लिम संशय में रहा। बसपा और सपा के बीच मुस्लिम वोटर के बंटने से सपा को भारी नुकसान हुआ जबकि भाजपा मजबूत हुई। वहीं बसपा के दलित-मुस्लिम फैक्टर को मजबूत माना जा रहा था।  यही वजह रही कि अर्ध शहरी क्षेत्र मानी जाने वाली नगर पंचायतों में भी सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस को मिलाकर जितनी सीटें मिलीं, उससे कहीं ज्यादा कामयाबी अकेले भाजपा ने हासिल की। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो नगर पंचायत चुनाव में प्रमुख विपक्षी पार्टियों सपा, बसपा, रालोद और कांग्रेस को अध्यक्ष पद की कुल 137 सीटें मिलीं।

भाजपा के 191 नगर पंचायत अध्यक्ष जीते, जबकि अन्य दलों के केवल 62 प्रत्याशी जीते। कुछ राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि विभिन्न कारणों से मुस्लिमों का मत प्रतिशत कम रहा। अपने पक्ष में तथ्य प्रस्तुत करते हुए वे कहते हैं कि प्रयागराज में सबसे कम मतदान होने पर भी वहां भाजपा को मिली सफलता इसका उदाहरण है। लेकिन, इस विश्लेषण को हर क्षेत्र पर लागू करना सटीक नहीं होगा। सही बात तो यह है कि अधिकतर निकाय क्षेत्रों में हिंदू मतों का ध्रुवीकरण जहां भाजपा की जीत का आधार बना, वहीं मुस्लिम मतों का बिखराव विपक्ष की दयनीय स्थिति का कारण बना। नतीजे बताते हैं कि शाहजहांपुर में मुस्लिम कांग्रेस और सपा के बीच बंटे। बरेली में भी मुसलमानों का झुकाव किसी एक पार्टी की ओर नहीं रहा।

मुस्लिम बहुल सीट माने जाने वाली मुरादाबाद नगर निगम सीट पर भी यह विखराव दिखा। नतीजतन, कांग्रेस वहां मामूली अंतर से हारी। कांग्रेस को मिले मत स्पष्ट करते हैं कि वहां मुसलमानों का एक बड़ा हिस्सा सपा के बजाय कांग्रेस की तरफ गया। खास बात यह रही है कि बसपा ने मुसलमानों को बड़ी संख्या में टिकट दिए और वहां मुस्लिम मत एक से ज्यादा दलों के बीच बंटते हुए दिखे। सपा ने तमाम स्थानों पर यह सोचकर ब्राह्मणों, कायस्थ, कुर्मी, क्षत्रिय और दलित प्रत्याशी दिए थे कि मुस्लिम समीकरण के साथ मिलकर यह उसे सम्मानजनक स्थिति में लाएगा, पर मुस्लिम मतों के बिखराव ने उसके मंसूबों पर पानी फेर दिया।

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