नई दिल्ली। भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच रविवार को 18वें दौर की वार्ता में पूर्वी लद्दाख सेक्टर में तीन साल से जारी सैन्य तनातनी खत्म करने और अनसुलझे मुद्दों पर बातचीत हुई। चुशुल-मोल्डो में दोनों देशों के कोर कमांडर मिले। इस बैठक रक्षा सूत्रों अनुसार भारत की ओर से बैठक का नेतृत्व फायर एंड फ्यूरी कार्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल राशिम बाली ने किया। यह बैठक पांच महीने के अंतराल के बाद हुई।
2020 में कोविड महामारी के दौरान चीनी पक्ष द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश के बाद दोनों पक्षों के बीच मामलों को सुलझाने के लिए कोर कमांडर स्तरीय वार्ता शुरू हुई थी। वार्ता में दोनों पक्ष भविष्य में लगातार संपर्क में रहने, सैन्य और राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत जारी रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के स्वीकार्य समाधान पर कार्य करने पर सहमत हुए हैं। हालांकि, चीनी पक्ष अडियल रुख पर बना हुआ है कि वह देपसांग के मैदानों क्षेत्रों में लंबे समय से भारतीय गश्ती दल को अपने बिंदुओं पर जाने से रोक रहा है। वैसे चीनी रक्षा मंत्री राष्ट्रीय राजधानी में अगले सप्ताह होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शिरकत करने के लिए भारत आने वाले हैं। देखा जाए तो निकट भविष्य में दोनों पक्षों के बीच मुद्दों का हल निकलने की संभावना कम ही नजर आ रही है।
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