नई दिल्ली। सूडान के दो सबसे शक्तिशाली जनरलों के बीच सत्ता को लेकर शुरू हुआ संघर्ष भीषण युद्ध में तब्दील हो गया है। सेना और रैपिड सपोर्ट फोर्स के बीच शनिवार को छिड़ी इस जंग ने अब तक 200 से अधिक लोगों की जानें ले ली है। सूडान की राजधानी खार्तूम में तो हालात काफी बदतर हो गए हैं। गोलीबारी में एक भारतीय की मौत होने की सूचना मिली है।
सूडान की आजादी के बाद से ही लगातार गृहयुद्ध, तख्तपलट और विद्रोह को देखा है। सूडान में शनिवार को भी ऐसा ही कुछ हुआ, सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष शुरू हो गया, क्योंकि दोनों ही देश की सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। सूडान सेना के कमांडर जनरल अब्देल फत्ताह अल बुरहान और अर्धसैनिक रैपिड सपोर्ट फोर्स के कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान दगालो के बीच हफ्तों से तनाव चल रहा है। इन दोनों जनरलों ने ही सूडान में एक सैन्य तख्तापलट किया था, लेकिन तख्तापलट के दो साल से भी कम समय में दोनों जनरलों के बीच ही विवाद बढ़ गया। सूडान में इस समय जो हालात बने हैं, उसकी सबसे बड़ी वजह है दोनों जनरलों के बीच एक समझौता। दरअसल, सूडान के पूर्व तानाशाह ओमर अल बशीर ने अपने शासन के दौरान 2013 में आरएसएफ का गठन किया था। आरएसएफ के गठन के आठ साल बाद इसके कमांडर जनरल मोहम्मद हमदान दगालो ने सेना के कमांडर जनरल अब्देल फत्ताह अल बुरहान के साथ मिलकर साल 2021 में सैन्य तख्तापलट कर दिया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उस दौरान दोनों के बीच एक करार हुआ था कि आरएसएफ को सेना में शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।