नकली शराब और शराब तस्करी को रोकने के लिए हिमाचल प्रदेश में शराब की सप्लाई के लिए सख्त नियम लागू हो गए हैं। शराब फैक्ट्रियों में अगर सीसीटीवी कैमरे नहीं होंगे तो 15 अप्रैल से सप्लाई परमिट नहीं मिलेंगे। तस्करी रोकने के लिए कर एवं आबकारी विभाग ने प्रदेश में ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम लागू कर दिया है। शराब की सप्लाई करने के लिए जीपीएस युक्त वाहनों का प्रयोग अनिवार्य कर दिया गया है।
ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम के लिए यूरोप और कोरिया से आधुनिक उपकरणों की खरीद की गई है। नई व्यवस्था के तहत सूबे के शराब कारखानों से लेकर स्टोर, ठेकों तक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। बोतलों पर लगे बार कोड को स्कैन कर अब कोई भी शराब की गुणवत्ता को जांच सकेगा। इस व्यवस्था के लागू होते ही नकली शराब का धंधा बंद होने का दावा किया गया है। विश्व बैंक से पोषित इस योजना पर बीते करीब तीन वर्षों से ट्रायल चला। बार कोड को स्कैन करने पर शराब को बनाने के वर्ष, बैच नंबर और कहां उसे बनाया गया है। इसकी जानकारी मिल जाएगी। शराब कारखानों में कंप्यूटर सिस्टम भी लगाए गए हैं। हर जानकारी को कंप्यूटर सिस्टम पर अपडेट किया जा रहा है। शराब कारोबारी बिना बैच नंबर के शराब सप्लाई नहीं कर सकेंगे। हर बोतल का कंप्यूटर सिस्टम पर पंजीकरण होगा। शराब बोतलों का ट्रैक एंड ट्रेस सिस्टम शुरू होने पर सरकार को मिलने वाले टैक्स की भी सही गणना हो सकेगी। इस प्रक्रिया से सरकार के राजस्व भी भी बढ़ोतरी होगी।