लखनऊ। उत्तर प्रदेश शासन ने वर्ष 1990 बैच के छह एडीजी रैंक के अफसरों को स्पेशल डीजी के पद पर प्रोन्नत कर दिया। डीजी के पद रिक्त न होने से 1990 बैच के अधिकारी पदोन्नति हुए बिना रिटायर हो रहे थे। बृहस्पतिवार को हुए इस अहम फैसले के बाद नये डीजीपी के चयन के लिए लॉबिंग तेज हो गई है। चर्चा है कि कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने पर राज्य सरकार प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजी बना सकती है।
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विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में 1990 बैच के एडीजी क्राइम मनमोहन कुमार बशाल, एडीजी प्रशिक्षण तनूजा श्रीवास्तव, एडीजी मानवाधिकार एसके माथुर, एडीजी पीटीएस अंजू गुप्ता, एडीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्रा और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को स्पेशल डीजी बनाया गया है। इससे पहले 1990 बैच के संदीप सालुंके, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, डॉ. संजय एम. तरड़े डीजी बन चुके हैं।
नये डीजीपी के चयन के लिए नए समीकरण बनते जा रहे हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने अभी तक नये डीजीपी के चयन के लिए प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग नहीं भेजा है। एक अप्रैल के बाद प्रस्ताव भेजने पर चार डीजी रैंक के अधिकारी डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा, डीजी प्रशिक्षण अनिल कुमार अग्रवाल और डीजी विशेष जांच चंद्र प्रकाश-1 बाहर हो जाएंगे। क्योंकि इनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से कम समय है। प्रस्ताव में वरिष्ठता के क्रम में पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल, डीजी जेल आनंद कुमार और डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार का नाम शीर्ष पर रहेगा।