देहरादून। ऑस्कर पुरस्कार से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के सिनेमेटोग्राफी करन थपलियाल उत्तराखंड से हैं। पौड़ी जिले के पाबौ ब्लाक स्थित ग्राम नौगांव मल्ला निवासी करन की यह पहली डाक्यूमेंट्री नहीं है जो आस्कर में नामित हुई हो, इससे पहले उनकी डाक्यूमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ ऑस्कर जीतने से चूक गई थी।
वर्तमान में करन थपलियाल परिवार के साथ दिल्ली के खानपुर में रहते हैं। करन 15 साल से सिनेमेटोग्राफी कर रहे हैं। द एलीफेंट व्हिस्परर्स, राइटिंग विद फायर और द प्रेसीडेंट्स बाडीगार्ड उनकी चुनिंदा डाक्यूमेंट्री में शामिल हैं। ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के सिनेमेटोग्राफी का अनुभव साझा करते हुए करन बताते हैं कि कोरोना काल के दौरान वर्ष 2020 में निर्देशक कार्तिकी गोंजाल्विस का मुझे इस प्रोजेक्ट के लिए फोन आया। कार्तिकी और नेटफ्लिक्स पहले से ही इस डाक्यूमेंट्री पर काम कर रहे थे।
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डाक्यूमेंट्री की शूटिंग हमने तमिलनाडु में नीलगिरि की पहाड़ियों के बीच मुदुमलाई टाइगर रिजर्व में की। करन ने बताया कि शुरुआत में तो हमने हाथियों की गतिविधियां परखीं। फिर हमने कुछ दूरी से ही शूट करना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे रघु और अम्मू के साथ सभी हाथी हमारे साथ सहज हो गए थे। यहां तक कि दोनों इतने शरारती थे कि हमारा कैमरा तक छीन लेते थे। हमारी पूरी टीम को शूटिंग के दौरान खूब मजा आया। यहां तक कि स्थानीय निवासियों ने भी हमारा काफी सहयोग किया।