देहरादून : राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के उद्देश्य से राष्ट्रीय गंगा परिषद की 30 दिसंबर को कोलकाता में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भाग लेंगे। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। मुख्यमंत्री धामी बैठक में इस दौरान वह गंगा और उसकी सहायक नदियों के जलसमेट क्षेत्रों के पुनर्जीवीकरण के साथ ही नदियों व भूजल को प्रदूषित होने से रोकने के मद्देनजर सुझाव देंगे।
गंगा के उद्गम वाला उत्तराखंड भी नमामि गंगे परियोजना में शामिल है। इसके प्रथम चरण में गोमुख से लेकर हरिद्वार तक गंगा की मुख्य धारा से सटे 15 नगरों में सीवरेज शोधन सयंत्र (एसटीपी), नालों की टैपिंग पर ध्यान केंद्रित किया गया, ताकि गंदगी गंगा में न जाने पाए। बाद में इस मुहिम में गंगा की सहायक नदियों को शामिल किया गया। नमामि गंगे के कार्यों को देखें तो एसटीपी की 28 योजनाओं में से 20 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि शेष में कार्य चल रहा है। अधिकांश में यह अंतिम चरण में है। गंगा में गिर रहे 131 नाले टेप कर एसटीपी से जोड़े जा चुके हैं। स्नान व मोक्ष घाट की 58 योजनाओं में से 50 पूर्ण हो चुकी हैं।
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