अंकिता हत्याकांड के मुकदमे की पैरवी के लिए पुलिस ने न्याय विभाग से एक विशेष अधिवक्ता नियुक्त जाने के लिए पत्र लिखा है। माना जा रहा है कि इससे आरोपियों को सजा दिलाने में तेजी से काम किया जा सकेगा। बता दें कि अंकिता के तीन हत्यारोपियों में से दो ने नार्को टेस्ट की सहमति दे दी है। तीसरे ने 10 दिन का समय मांगा है। न्यायालय ने टेस्ट की मांग पर सुनवाई को 22 दिसंबर की तारीख मुकर्रर की है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर वी मुरुगेशन ने बताया कि एसआईटी ने चार्जशीट पूरी तरह तैयार कर ली है।
आगामी 15 दिसंबर को चार्जशीट भी दाखिल कर दी जाएगी। मुकदमे में ट्रायल के लिए एक विशेष अधिवक्ता नियुक्त करने की मांग न्याय विभाग से की गई है। यह अधिवक्ता सिर्फ इस केस की ही पैरवी करेगा। लिहाजा, वह बेहतर तैयारियों के साथ अभियोजन की कहानी को सिद्ध कर सकेगा। न्याय विभाग से जल्द ही इसका फैसला आ सकता हैदरअसल, सेशन कोर्ट में सरकार की तरफ से केस लड़ने के लिए एक शासकीय अधिवक्ता की नियुक्ति की जाती है। संबंधित कोर्ट के लगभग सभी केसों में अभियोजन की ओर से यही शासकीय अधिवक्ता पैरवी करता है।ऐसे में उसके पास कई केस होने के कारण वह किसी विशेष केस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते हैं।
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इसी कारण इस केस के लिए विशेष अधिवक्ता नियुक्त करने की मांग की गई है। इससे पहले यूकेएसएसएससी की परीक्षाओं में हुई धांधली के मुकदमों में भी विशेष अधिवक्ता नियुक्त किया जा चुका है।केंद्रीय फॉरेंसिक लैब चंडीगढ़ ने इस केस से संबंधित सभी सैंपलों की जांच रिपोर्ट एसआईटी को भेज दी है। एसआईटी ने मौके से मिले दस्तावेज, मोबाइल स्क्रीन शॉट, दो आरोपियों के मोबाइल फोन, अंकिता का स्वैब आदि सैंपल जांच को भेजे थे। पुलिस के अनुसार, इन सब साक्ष्यों को शामिल करते हुए 15 दिसंबर को चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।