uttarakhand news: फैसला लेने से डरने वाले नौकरशाह लें स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति- मुख्य सचिव संधु

उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने के लिए मसूरी में शुरू हुए चिंतन शिविर के पहले दिन मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने नौकरशाहों को कड़ी नसीहत दी। उन्होंने कहा कि कई बार देखने में आता है कि अधिकारी निर्णय लेने से डरते हैं और हां के स्थान पर न कहने में अधिक दिलचस्पी ले रहे हैं। ऐसी सोच रखने वाले नौकरशाहों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कायर नौकरशाह ज्यादा आपत्तियां लगाते हैं।

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मुख्य सचिव डा संधु ने चिंतन शिविर के उद्घाटन सत्र में अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि तीन दिन हम राज्य को लेकर महत्वपूर्ण मंथन करने जा रहे हैं, लेकिन यह केवल तीन दिन नहीं, बल्कि समय-समय पर होते रहना चाहिए। विश्व आज तेजी से बदल रहा है। बदली परिस्थितियों के हिसाब से हमें परिवर्तन लाने होंगे। पहले पंचवर्षीय योजना बनती थी, लेकिन समय के साथ हमें इस माडल से बाहर आना पड़ा है। यही कारण है कि पंचवर्षीय कार्यक्रम की जगह नीति आयोग की जरूरत पड़ी।

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उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कार्य के प्रति बेहद सकारात्मक हैं। अगर कोई शासनादेश या नियम किसी विकास योजना या अच्छे कार्य में आड़े आ रहा है तो उसे बदलना चाहिए। सरकारी आदेशों की आम भाषा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति कानून का दुरुपयोग न कर पाए। इस सोच के चलते 99 व्यक्तियों को लाभ न होने देने की सोच गलत है। एक नौकरशाह को रोज एक मुद्दा लेकर उसे सुलझाना चाहिए। किसी मामले में निर्णय न लेना जनता को परेशान करने के समान है।

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