देहरादून। कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम हरीश रावत अंकिता भंडारी मर्डर में वीआईपी का अभी तक पता नहीं चलने को लेकर एसआईटी दफ्तर के बाहर धरने पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक पुलिस पता नहीं लगा पाई है कि आखिर वह वीआईपी कौन था, जिसके कारण अंकिता की हत्या हुई। उन्होंने दिल्ली में उत्तराखंड की बेटी के 2012 में हुई हत्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कहा कि उत्तराखंड की बेटी के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी हुई। उसके साथ दुष्कर्म और उसकी आंखों में तेजाब डाला गया। उसके अंगों में कांच भर दिया गया।इसके बाद वह तड़प-तड़प कर मर गई। आखिर उसके हत्यारे कौन हैं, आज यह बड़ा प्रश्न बन गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तमाम सामाजिक संगठनों और मूर्धन्य नेताओं ने न्याय की आवाज बुलंद की है। लोग इस लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं, लेकिन बिना सरकार की मदद के वह बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं।