देहरादून। उत्तराखंड में अगले साल के मध्य में 5जी सेवा शुरू हो सकती है। उत्तराखंड सरकार तेज रफ्तार नेटवर्क के लिए अपने स्तर से तैयारी कर रही है। सचिव शैलेश बगौली ने बताया कि आईटीडीए इसके लिए काम करना शुरू कर चुका है। आईटीडीए को बीएसएनएल से मिलकर काम करना है। बीएसएनएल से नेटवर्क विहीन क्षेत्रों में 1246 मोबाइल टावर लगाने के लिए भी रोडमैप मांगा गया है। इन टावर के लग जाने से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में साढ़े चार सौ से अधिक गांवों में मोबाइल नेटवर्क नहीं है।
प्रदेश में मोबाइल टावरों की संख्या बढ़ाने के लिए नई नीति पर काम हो रहा है। नए नियमों में जिन भवनों का नक्शा पास होगा, उनमें बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के मोबाइल टॉवर स्थापित हो सकेगा। साथ ही खाली जमीन पर भी बिना अनुमति टॉवर लगाया जा सकेगा। अभी शहरी क्षेत्रों में मोबाइल टॉवर लगाने की अनुमति विकास प्राधिकरण प्रदान करते है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र के लिए एनओसी पंचायतीराज विभाग देता है। इस लंबी प्रक्रिया के कारण मोबाइल टॉवर की अनुमति अक्सर अटकी रह जाती है। सचिव आईटी शैलेश बगौली के मुताबिक नई नीति के तहत खाली जगह पर टॉवर के लिए जमीन स्वामी और कंपनी के बीच अनुबंध होना ही पर्याप्त होगा, इसी तरह जिन भवनों का विधिवत नक्शा पास है वहां भी बिना किसी अतिरिक्त मंजूरी के तय क्षमता के टावर लगाए जा सकेंगे।