नई दिल्ली। महाराष्ट्र की राजनीति में एक ऐतिहासिक और चौंकाने वाला मोड़ आया है। लगभग दो दशक यानी 20 साल की लंबी दूरी के बाद ठाकरे परिवार के दो दिग्गज भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे फिर से एक मंच पर आ गए हैं। उद्धव ठाकरे की शिवसेना यूबीटी और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना यानी एमएनएस ने आधिकारिक तौर पर साथ आने का एलान कर दिया है। दोनों नेताओं ने एक साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस गठबंधन की जानकारी दी जिससे राज्य की सियासी फिजां बदल गई है।
इस नए गठबंधन का असर आगामी नगर परिषद चुनावों यानी बीएमसी इलेक्शन में देखने को मिलेगा। अब ये दोनों पार्टियां और उनके नेता चुनाव मैदान में एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ते नजर आएंगे। गठबंधन की घोषणा से पहले एक भावुक नजारा भी देखने को मिला। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे अपने परिवार के साथ शिवाजी पार्क स्थित स्मृति स्थल पहुंचे। वहां उन्होंने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
इस खास मौके पर दोनों नेता अपनी पत्नियों के साथ मौजूद थे। नई पीढ़ी का साथ भी इस गठबंधन को मजबूती देता नजर आया। उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे और राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे भी अपने परिवार के साथ वहां उपस्थित थे जो भविष्य की राजनीति के संकेत दे रहा है।
दोनों भाइयों के एक साथ आने की अटकलें काफी समय से चल रही थीं लेकिन अब इस पर मुहर लग गई है। राज ठाकरे ने मीडिया के सामने गठबंधन की घोषणा करते हुए साफ कर दिया कि नगर निगम चुनावों के मद्देनजर यह फैसला लिया गया है। शिवाजी पार्क से पहले दोनों भाई राज ठाकरे के आवास से एक साथ निकले थे जिसे देखकर ही कयासों का बाजार गर्म हो गया था। इस गठबंधन से महाराष्ट्र की राजनीति में नए समीकरण बनने की उम्मीद है और विरोधियों के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है।