लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य की महिलाओं और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने और उनके कल्याण के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के अनुपूरक बजट में सरकार ने महिला एवं बाल कल्याण विभाग के लिए विशेष प्रावधान किए हैं जिससे सामाजिक सुरक्षा का ढांचा और मजबूत हुआ है। इस बजट का सबसे बड़ा आकर्षण निराश्रित महिला पेंशन योजना है जिसके निर्बाध संचालन के लिए सरकार ने 535 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि का आवंटन किया है।
सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि वित्तीय वर्ष की चौथी और अंतिम तिमाही में किसी भी पात्र महिला की पेंशन न रुके और उन्हें समय पर आर्थिक मदद मिलती रहे। इस योजना के तहत पति की मृत्यु के बाद बेसहारा हुई महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की सहायता राशि दी जाती है। सरकार की योजना है कि चौथी तिमाही में लगभग 40 लाख लाभार्थियों को इसका भुगतान किया जाए। इसके लिए कुल करीब 1200 करोड़ रुपये की जरूरत है जिसकी पूर्ति के लिए सरकार ने अपने संसाधनों के साथ इस अतिरिक्त बजट को जोड़ा है।
निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है जो सरकार की सक्रियता का सबूत है। आंकड़ों पर नजर डालें तो पहली तिमाही में लगभग 35.78 लाख महिलाओं को 1062 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। दूसरी तिमाही में यह संख्या बढ़कर 37.35 लाख हो गई और खर्च 1140 करोड़ रुपये हुआ। वहीं तीसरी तिमाही में 38.58 लाख लाभार्थियों को 1201.41 करोड़ रुपये की राशि दी गई। सरकार का प्रयास है कि यह सहायता अंतिम पात्र महिला तक पहुंचे।
सिर्फ महिलाओं ही नहीं बल्कि बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और पोषण के लिए भी बजट में विशेष ध्यान रखा गया है। सरकार ने नए आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। सरकार की मंशा है कि ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्रों में ही आधुनिक प्ले स्कूलों जैसी सुविधाएं मिल सकें ताकि उनके भविष्य की नींव मजबूत हो सके। सरकार ने साफ संदेश दिया है कि महिला सुरक्षा, बाल संरक्षण और जन कल्याण उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है और इन कार्यों के लिए धन की कमी को आड़े नहीं आने दिया जाएगा।