Cricket: गावस्कर के पर्सनैलिटी राइट्स मामले में हाईकोर्ट का गूगल और मेटा को कड़ा निर्देश – The Hill News

Cricket: गावस्कर के पर्सनैलिटी राइट्स मामले में हाईकोर्ट का गूगल और मेटा को कड़ा निर्देश

नई दिल्ली

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान और दिग्गज बल्लेबाज सुनील गावस्कर को दिल्ली उच्च न्यायालय से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सोशल मीडिया और इंटरनेट की दिग्गज कंपनियों गूगल, मेटा और एक्स (पूर्व में ट्विटर) को सख्त निर्देश जारी किए हैं। मामला गावस्कर के नाम, फोटो और आवाज के बिना अनुमति इस्तेमाल यानी ‘पर्सनैलिटी राइट्स’ के उल्लंघन से जुड़ा है। अदालत ने इन टेक कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे पूर्व क्रिकेटर की उन शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई करें, जिनमें उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल करने वाले कंटेंट को हटाने की मांग की गई है।

सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा ने इस मामले में एक स्पष्ट प्रक्रिया निर्धारित की है। कोर्ट ने सुनील गावस्कर और उनकी लीगल टीम से कहा है कि वे उन सभी आपत्तिजनक यूआरएल (URL) की सूची तैयार करें, जिन पर उनकी तस्वीरों या नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। यह सूची संबंधित कंपनियों को सौंपी जानी चाहिए। अदालत ने इस प्रक्रिया के लिए समय सीमा भी तय कर दी है।

कोर्ट के आदेश के मुताबिक, गावस्कर को अगले 48 घंटों के भीतर इन आपत्तिजनक लिंक की जानकारी मध्यस्थ प्लेटफॉर्म्स यानी गूगल, मेटा और एक्स को देनी होगी। यह जानकारी मामले में पेश हुए वकीलों के जरिए भी कंपनियों तक पहुंचाई जा सकती है। अदालत ने स्पष्ट किया कि एक बार जब ये यूआरएल कंपनियों को मिल जाएंगे, तो उन्हें हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठना होगा।

हाईकोर्ट ने विरोधी पक्षों को निर्देश दिया है कि वे गावस्कर की तरफ से दी गई जानकारी को एक औपचारिक शिकायत (कंप्लेंट) के रूप में देखें। कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे यूआरएल मिलने के बाद एक हफ्ते के अंदर उस पर फैसला लें और कार्रवाई करें। इतना ही नहीं, मध्यस्थों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे अपनी कार्रवाई और फैसले के बारे में शिकायतकर्ता को एक सप्ताह के भीतर सूचित भी करें। इसका मतलब है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को न केवल कंटेंट हटाना होगा या उस पर निर्णय लेना होगा, बल्कि यह भी बताना होगा कि उन्होंने क्या कदम उठाए हैं।

गौरतलब है कि यह पूरा मामला तब सामने आया जब सुनील गावस्कर ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपने अधिकारों के संरक्षण की मांग की। अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि कई कंपनियां और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बिना उनकी इजाजत के उनकी पर्सनैलिटी, फोटो और नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनके पर्सनैलिटी राइट्स का उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने मांग की थी कि कोर्ट इन कंपनियों के खिलाफ निर्देश जारी करे ताकि उनकी पहचान के इस अनाधिकृत इस्तेमाल पर रोक लगाई जा सके। अब हाईकोर्ट के इस फैसले से उम्मीद है कि दिग्गज क्रिकेटर की पहचान का व्यावसायिक या भ्रामक इस्तेमाल करने वालों पर लगाम लगेगी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को अपनी जिम्मेदारी तेजी से निभानी होगी।

 

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