नई दिल्ली
भारतीय घरेलू क्रिकेट में मंगलवार का दिन एक ऐतिहासिक और यादगार दिन साबित हुआ। क्रिकेट के मक्का कहे जाने वाले ईडन गार्डन्स के मैदान पर एक ऐसा करिश्मा देखने को मिला जिसने सभी को हैरान कर दिया। महज 14 साल की उम्र में वैभव सूर्यवंशी ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में तूफानी शतक जड़कर अपना नाम इतिहास के पन्नों में सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है। वैभव अब इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में शतक लगाने वाले सबसे युवा बल्लेबाज बन गए हैं। उनकी इस उपलब्धि ने भारतीय क्रिकेट के भविष्य को लेकर नई उम्मीदें जगा दी हैं।
वैभव सूर्यवंशी बिहार की टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और उनका मुकाबला महाराष्ट्र जैसी मजबूत टीम से था। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अपनी उम्र को झुठलाते हुए गजब की परिपक्वता दिखाई। उन्होंने महाराष्ट्र के गेंदबाजों की जमकर खबर ली और मैदान के चारों ओर शॉट्स खेले। वैभव ने महज 61 गेंदों का सामना करते हुए नाबाद 108 रनों की मैराथन पारी खेली। उनकी इस आक्रामक पारी में सात चौके और सात गगनचुंबी छक्के शामिल थे। वैभव की इस धमाकेदार बल्लेबाजी की बदौलत बिहार की टीम निर्धारित 20 ओवरों में 3 विकेट के नुकसान पर 176 रन का सम्मानजनक स्कोर खड़ा करने में सफल रही।
वैभव के शतक पूरा करने का अंदाज भी बेहद निराला था। पारी के 20वें ओवर में जब अर्शीन कुलकर्णी गेंदबाजी कर रहे थे, तब वैभव ने ओवर की पहली ही गेंद पर शानदार चौका जड़कर अपना सैकड़ा पूरा किया। उन्होंने 58 गेंदों में अपने 100 रन पूरे किए। यह पारी इसलिए भी खास थी क्योंकि इसमें धैर्य और आक्रामकता का अद्भुत संगम देखने को मिला। यह शतक ऐसे समय में आया जब टीम को और खुद वैभव को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत थी। पिछले तीन मैचों में वह 14, 13 और 5 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए थे, लेकिन इस मैच में उन्होंने शानदार वापसी की। उन्होंने आकाश राज के साथ तीसरे विकेट के लिए 70 रनों की साझेदारी की और फिर आयुष लोहारुका के साथ मिलकर 75 रनों की अटूट साझेदारी निभाते हुए टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया।
दूसरी ओर अहमदाबाद के मैदान पर भी बल्लों की गूंज सुनाई दी। कर्नाटक की तरफ से खेलते हुए देवदत्त पडिक्कल ने तमिलनाडु के खिलाफ एक विस्फोटक पारी खेली। मयंक अग्रवाल के साथ पारी की शुरुआत करने आए पडिक्कल ने गेंदबाजों की धज्जियां उड़ा दीं। उन्होंने महज 26 गेंदों में अपना अर्धशतक पूरा किया और 45 गेंदों में शतक जड़ दिया। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने नाबाद 102 रनों की पारी खेली जिसमें 10 चौके और 6 छक्के शामिल थे।
देवदत्त पडिक्कल की इस तूफानी बल्लेबाजी के दम पर कर्नाटक ने 20 ओवरों में तीन विकेट खोकर 245 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया। कुल मिलाकर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में मंगलवार का दिन बाएं हाथ के बल्लेबाजों के नाम रहा। जहां एक तरफ 14 साल के वैभव सूर्यवंशी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया, वहीं दूसरी तरफ अनुभवी देवदत्त पडिक्कल ने अपनी क्लास दिखाई। दोनों ही बल्लेबाजों ने नाबाद रहते हुए अपनी-अपनी टीमों के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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