Himachal: शिमला का बोझ घटाने के लिए सुक्खू सरकार की बड़ी पहल सात दफ्तर शिफ्ट और दो कतार में – The Hill News

Himachal: शिमला का बोझ घटाने के लिए सुक्खू सरकार की बड़ी पहल सात दफ्तर शिफ्ट और दो कतार में

धर्मशाला
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पर बढ़ते दबाव और ट्रैफिक की समस्या को कम करने के लिए प्रदेश सरकार ने कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि शिमला शहर में भीड़भाड़ को कम करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने अब तक सात कार्यालयों को राजधानी से बाहर अन्य जिलों में शिफ्ट करने का फैसला लिया है। इसके अलावा दो और महत्वपूर्ण कार्यालयों को शिफ्ट करने की योजना पर काम चल रहा है।

सदन में भाजपा विधायक रणधीर शर्मा के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार की योजना राज्य सूचना आयोग के कार्यालय को शिमला से धर्मशाला और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के कार्यालय को ऊना शिफ्ट करने की है। इसके साथ ही सरकार के पास अन्य कार्यालयों को भी स्थानांतरित करने के जो प्रस्ताव आएंगे, उन पर गुण-दोष के आधार पर विचार किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि शिमला शहर को मूल रूप से 25 हजार की आबादी के लिए बसाया गया था, लेकिन आज आस-पास के क्षेत्रों को मिलाकर यहां की आबादी 4 से 5 लाख तक पहुंच गई है। इस कारण शहर में घंटों ट्रैफिक जाम लगा रहता है।

सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ा कारण आर्थिक भी है। मुख्यमंत्री ने बताया कि शिमला में सरकार कई कार्यालयों के लिए करोड़ों रुपये किराया चुका रही है, जबकि पूर्व सरकार के समय कांगड़ा और अन्य जिलों में करीब एक हजार करोड़ की लागत से बने सरकारी भवन खाली पड़े हैं। इन खाली भवनों का सदुपयोग करने और शिमला का खर्च घटाने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

कर्मचारियों की चिंताओं को दूर करते हुए सुक्खू ने भरोसा दिलाया कि शिफ्ट होने वाले विभागों के कर्मचारियों को विकल्प दिया जाएगा। यदि वे नई जगह जाना चाहते हैं तो ठीक है, अन्यथा उन्हें अन्य विभागों में समायोजित किया जाएगा और खाली पदों के लिए अलग से भर्ती की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार ने शिमला से किसी मुख्य विभाग को शिफ्ट नहीं किया है, बल्कि केवल निगमों और आयोगों के कार्यालय बदले गए हैं। यह फैसला किसी कर्मचारी को सजा देने के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था सुधारने के लिए है।

सरकार द्वारा जारी आदेशों के अनुसार, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड मुख्यालय और नशा निवारण बोर्ड को हमीरपुर भेजा गया है। वहीं कौशल विकास निगम को मंडी के सुंदरनगर शिफ्ट किया गया है। कांगड़ा जिले के धर्मशाला में प्रधान मुख्य अरण्यपाल (वन्यप्राणी), हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम और हिमाचल प्रदेश रेरा कार्यालय को शिफ्ट किया गया है, जबकि एपी एंड टी की ट्रेनिंग शाखा को कांगड़ा के डरोह भेजा गया है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि रेरा कार्यालय को शिफ्ट करने का मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में विचाराधीन है, इसलिए यह अभी शिमला से ही संचालित हो रहा है।

 

Pls read:Himachal: धर्मशाला रैली में अनुराग ठाकुर और जयराम ने सुक्खू सरकार को सनातन विरोधी बताकर जमकर घेरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *