देहरादून, उत्तराखंड की प्रसिद्ध चार धाम यात्रा ने इस बार आस्था और उत्साह के नए कीर्तिमान स्थापित किए हैं। रविवार को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस वर्ष की चार धाम यात्रा का औपचारिक समापन हो गया। इस साल तमाम प्राकृतिक आपदाओं और चुनौतियों के बावजूद भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष 51 लाख 04 हजार 975 श्रद्धालुओं ने चार धामों के दर्शन किए जो पिछले वर्ष के मुकाबले 4 लाख 35 हजार 901 अधिक है।
केदारनाथ में उमड़ा आस्था का सबसे बड़ा सैलाब
आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार भगवान शिव के धाम केदारनाथ में सबसे ज्यादा भक्त पहुंचे। केदारनाथ में कुल 17 लाख 68 हजार 795 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए। वहीं बदरीनाथ धाम में 16 लाख 60 हजार 224 श्रद्धालु पहुंचे। गंगोत्री में 7 लाख 57 हजार 10 और यमुनोत्री में 6 लाख 44 हजार 505 श्रद्धालुओं ने हाजिरी लगाई। सिखों के पवित्र तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब ने भी इस बार इतिहास रचा है। यहां पहली बार श्रद्धालुओं का आंकड़ा 2 लाख 74 हजार 441 तक पहुंच गया।
आपदाएं भी नहीं रोक पाईं आस्था की राह
इस वर्ष यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खुलने के साथ हुई थी। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ और 4 मई को बदरीनाथ के कपाट खोले गए थे। यात्रा के दौरान कई बार मौसम ने कड़े इम्तिहान लिए। भारी बारिश और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण यात्रा कई बार बाधित हुई। लेकिन प्रदेश सरकार के बेहतर प्रबंधन और श्रद्धालुओं की अटूट आस्था ने इन बाधाओं को पार कर लिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में प्रशासन ने मानसून के दौरान यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जिसका नतीजा रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के रूप में सामने आया।
अब शीतकालीन यात्रा की तैयारी
चारों धामों के कपाट बंद होने के बाद अब सरकार और प्रशासन का पूरा फोकस शीतकालीन यात्रा पर है। सर्दियों में भी श्रद्धालु भगवान के दर्शन कर सकें इसके लिए देवताओं के शीतकालीन प्रवास स्थलों पर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। अब भगवान बद्री विशाल की पूजा पांडुकेश्वर और नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ में होगी। बाबा केदारनाथ की पूजा ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में, मां गंगा की पूजा मुखबा में और मां यमुना की पूजा खरसाली में होगी।
पर्यटन को बढ़ावा देने की कवायद
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का विजन है कि प्रदेश में पर्यटन और तीर्थाटन साल भर चलता रहे। इसी उद्देश्य से शीतकालीन यात्रा को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शीतकालीन प्रवास स्थलों पर ठहरने, परिवहन और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। पर्यटन विभाग अब शीतकालीन यात्रा को एडवेंचर टूरिज्म के साथ जोड़कर नए सर्किट बनाने की योजना पर काम कर रहा है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन और केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों के चलते सुविधाओं में विस्तार हुआ है जिसका लाभ अब श्रद्धालुओं को मिल रहा है।