नई दिल्ली। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने सोमवार, 6 अक्टूबर को चिकित्सा के क्षेत्र में 2025 के नोबेल पुरस्कार की घोषणा की. यह प्रतिष्ठित सम्मान अमेरिका के मैरी ई. ब्रुनको, फ्रेड रामस्डेल और जापान के शिमोन साकागुची को संयुक्त रूप से प्रदान किया गया है. नोबेल ज्यूरी ने बताया कि इन वैज्ञानिकों को प्रतिरक्षा प्रणाली को नियंत्रित रखने से संबंधित उनके महत्वपूर्ण शोध के लिए सम्मानित किया गया है. यह खोज चिकित्सा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान मानी जा रही है. विशेष रूप से, तीनों वैज्ञानिकों को ‘परिधीय प्रतिरक्षा सहिष्णुता’ (पेरिफेरल इम्यून टॉलरेंस) से संबंधित उनकी खोजों के लिए यह पुरस्कार मिला है.
विजेताओं को मिलने वाली धनराशि
चिकित्सा के क्षेत्र में नोबेल विजेताओं का चयन स्वीडन के कैरोलिंस्का इंस्टीट्यूट मेडिकल यूनिवर्सिटी की असेंबली द्वारा किया जाता है. इस पुरस्कार के विजेताओं को 11 मिलियन स्वीडिश क्राउन (लगभग 1.2 मिलियन डॉलर) की धनराशि के साथ-साथ स्वीडन के राजा द्वारा एक मेडल भी प्रदान किया जाता है.
कैंसर और ऑटोइम्यून रोगों के उपचार में मील का पत्थर
नोबेल पुरस्कार समिति ने जोर देकर कहा कि इन वैज्ञानिकों की खोजों ने अनुसंधान के एक नए क्षेत्र की नींव रखी है. इन खोजों से भविष्य में कैंसर और ऑटोइम्यून रोगों के उपचार में महत्वपूर्ण मदद मिलने की उम्मीद है.
साल 2024 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार
चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार, जिसे आमतौर पर ‘फिजियोलॉजी या मेडिसिन’ के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार के नाम से जाना जाता है, लगभग 125 साल पहले से दिया जा रहा है. 1901 से 2024 के बीच, 229 वैज्ञानिकों को उनके उत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए यह पुरस्कार दिया जा चुका है. पिछले साल (2024) यह पुरस्कार अमेरिकी नागरिक विक्टर एम्ब्रोस और गैरी रुवकुन को सूक्ष्म राइबोन्यूक्लिक एसिड (माइक्रोआरएनए) पर की गई उनकी खोज के लिए दिया गया था.
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