बीजिंग। चीन ने गुरुवार को छह अमेरिकी कंपनियों पर प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच पहले से ही तनावपूर्ण व्यापारिक संबंधों में और बढ़ोतरी हुई है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी नेता शी चिनफिंग के बीच बहुप्रतीक्षित बैठक के बावजूद आया है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, तीन अमेरिकी कंपनियों को चीन की “अविश्वसनीय इकाई सूची” में डाल दिया गया है, जिससे उन पर चीन के साथ व्यापार करने पर प्रभावी रूप से प्रतिबंध लग गया है। मंत्रालय ने इन कंपनियों पर “ताइवान के साथ तथाकथित सैन्य-तकनीकी सहयोग में लगे होने” का आरोप लगाया, जिससे “चीन की राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और विकास हितों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है।”
जिन कंपनियों को इस सूची में शामिल किया गया है, वे हैं: मानवरहित वाहन निर्माता सारोनिक टेक्नोलाजीज, उपग्रह प्रौद्योगिकी कंपनी एयरकॉम, और समुद्र के नीचे इंजीनियरिंग कंपनी ओशनियरिंग इंटरनेशनल।
इसके अतिरिक्त, तीन अन्य अमेरिकी कंपनियों को चीन की निर्यात नियंत्रण सूची में शामिल कर दिया गया है। इन कंपनियों के नाम फिलहाल सामने नहीं आए हैं, लेकिन इस कदम से उनके लिए चीन से कुछ निश्चित सामानों और प्रौद्योगिकियों का निर्यात करना मुश्किल हो जाएगा।
यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं जब दोनों देशों के बीच व्यापार, प्रौद्योगिकी और भू-राजनीतिक मुद्दों को लेकर गहरा मतभेद है। ताइवान पर चीन अपना दावा करता है और ताइवान के साथ किसी भी देश के सैन्य सहयोग का पुरजोर विरोध करता है। इन प्रतिबंधों को ताइवान के साथ अमेरिकी सैन्य संबंधों के खिलाफ चीन की कड़ी प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
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