प्रयागराज। जोगबनी से आनंद विहार टर्मिनल जाने वाली सीमांचल एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12487) में मानव तस्करी की सूचना पर शुक्रवार को प्रयागराज जंक्शन पर जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस), आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल) और एएचटीयू (मानव तस्करी विरोधी इकाई) ने संयुक्त छापेमारी की। जनरल बोगी की तलाशी के दौरान ट्रेन से 30 बच्चों को उतारा गया, जिनमें से 24 नाबालिग और छह बालिग बताए जा रहे हैं।
इन बच्चों के साथ कोई अभिभावक नहीं था। बच्चों का सत्यापन शुरू कर दिया गया है और उनके परिजनों को बुलाया गया है। जीआरपी ने बताया कि काउंसलिंग के बाद कानूनी कार्रवाई की जाएगी। ये बच्चे कहां ले जाए जा रहे थे, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है।
यह इस सप्ताह का दूसरा ऐसा मामला है। दो सितंबर को इसी ट्रेन में 10 नाबालिग बच्चों को रेस्क्यू किया गया था, जिन्हें शेल्टर होम में रखा गया। चार सितंबर को जीआरपी ने इस मामले में मुकदमा दर्ज किया था। शुक्रवार को फिर से 47 बच्चों की तस्करी की सूचना पर कंट्रोल रूम ने अलर्ट जारी किया था।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय, मीरजापुर, प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। चाइल्डलाइन और संवाद सामाजिक संस्थान के सहयोग से ट्रेन के सुबह 11:30 बजे से 12:00 बजे के बीच प्रयागराज पहुंचने पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कुछ बच्चे नेपाल से अपने रिश्तेदारों के साथ लौट रहे थे, जबकि अन्य बच्चों को पढ़ाई के नाम पर मजदूरी के लिए ले जाया जा रहा था। जीआरपी ने बताया कि काउंसलिंग के बाद कानूनी कार्रवाई होगी।
लगातार हो रही छापेमारी से मानव तस्करी के नेटवर्क पर शिकंजा कस रहा है। यह कार्रवाई बच्चों की सुरक्षा और तस्करी रोकथाम की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अधिकारियों ने कहा कि जांच पूरी होने तक सतर्कता बरती जाएगी।
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