Uttarakhand: यमुनोत्री धाम के स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी कृत्रिम झील, बाढ़ का खतरा और बचाव कार्य जारी – The Hill News

Uttarakhand: यमुनोत्री धाम के स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर बनी कृत्रिम झील, बाढ़ का खतरा और बचाव कार्य जारी

बड़कोट: यमुनोत्री धाम के महत्वपूर्ण पड़ाव स्यानाचट्टी में पिछले सत्रह घंटों से यमुना नदी पर एक कृत्रिम झील बनी हुई है। कुपड़ा गदेरे (नाले) में पानी के साथ आए भारी मलबे के कारण गुरुवार शाम को यह झील बनी, जिससे क्षेत्र में गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है। झील का पानी कई होटलों, दुकानों, मकानों, एक विद्यालय भवन और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने पुल तक पहुंच चुका है। पानी की सुचारू निकासी न होने के कारण निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है, जिससे प्रशासन और स्थानीय लोग चिंतित हैं।

हालांकि, प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है। शुक्रवार को जिलाधिकारी प्रशांत आर्य और क्षेत्रीय विधायक संजय डोभाल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया। झील की निगरानी ड्रोन की मदद से भी की जा रही है, ताकि हर पल की जानकारी मिल सके।

बचाव और राहत कार्य:
झील को सुरक्षित तरीके से खोलने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), स्वास्थ्य, राजस्व, पुलिस, खाद्य आपूर्ति और लोक निर्माण विभाग की टीमें तैनात हैं। जिलाधिकारी प्रशांत आर्य ने बताया है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है, प्रशासन लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने आश्वासन दिया कि परिस्थिति अनुकूल होते ही झील का जल निकासी कार्य शुरू किया जाएगा।

वर्तमान स्थिति और प्रभाव:
स्यानाचट्टी में बनी कृत्रिम झील को खोलने के प्रयास जारी हैं। पीडब्ल्यूडी, एसडीआरएफ, सिंचाई विभाग और अन्य संबंधित एजेंसियां झील के एक हिस्से को खोलने में जुटी हुई हैं। पिछले एक घंटे में झील के जलस्तर में लगभग 2 फीट तक की कमी दर्ज की गई है, जो एक सकारात्मक संकेत है।

यमुना में झील बनने से स्यानाचट्टी स्थित गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस, पुलिस चौकी, इंटर कॉलेज का भवन, कई होटल, होम स्टे और कई दुकानें जलमग्न हो गई हैं। यमुनोत्री हाईवे को जोड़ने वाला पुल भी पानी में डूब गया है, जिससे क्षेत्र का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है। अब तक लगभग 150 लोगों को भवनों से खाली कराकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। झील की लंबाई लगभग 400 मीटर, चौड़ाई 50 मीटर और गहराई पांच मीटर बताई जा रही है। सुरक्षा की दृष्टि से, यात्रियों को विभिन्न पड़ावों पर रोका गया है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

 

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