Uttarakhand: विभाजन का दर्द कभी भुलाया नहीं जा सकता, यह इतिहास का काला अध्याय: मुख्यमंत्री धामी

देहरादून।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ की पूर्व संध्या पर देश के बंटवारे के दौरान अपनी जान गंवाने वाले और विस्थापन का दर्द झेलने वाले लाखों लोगों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा कि देश के विभाजन के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता और यह इतिहास का एक काला अध्याय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब 15 अगस्त 1947 को देश आजादी का जश्न मना रहा था, उसी समय हमें देश के विभाजन का असहनीय दर्द भी सहना पड़ा। यह घटना भारत के लिए किसी महाविनाश (विभीषिका) से कम नहीं थी। उन्होंने इसे दुनिया का सबसे बड़ा विभाजन बताते हुए कहा कि इसमें लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई और करोड़ों लोगों को विस्थापन का दर्द झेलना पड़ा।

इस ऐतिहासिक दर्द को याद करने और नई पीढ़ी को इससे परिचित कराने के उद्देश्य से, वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिन हमें उन लाखों स्वतंत्रता सेनानियों और अपने परिवारजनों से बिछड़े लोगों के बलिदान और संघर्ष की याद दिलाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के बंटवारे ने सामाजिक एकता, सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को तार-तार कर दिया था। यह हमारा कर्तव्य है कि हम देश को स्वतंत्र कराने वाले और विभाजन की असहनीय यातनाएं झेलने वाले मां भारती के प्रत्येक सपूत के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करें। उन्होंने कहा कि यह दिवस हमारी भावी पीढ़ी को इतिहास की उस भयावह विभीषिका से परिचित कराता रहेगा।

 

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