शिमला।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मानसून की बारिश से हो रहे नुकसान का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार सुबह शहर के व्यस्त इलाकों में से एक टालैंड में तीन विशालकाय पेड़ सड़क पर आ गिरे, जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया। गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ, लेकिन छोटा शिमला बस स्टैंड की ओर जाने वाले मुख्य मार्ग पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया।
पेड़ गिरने की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंचीं और उन्हें हटाने का काम शुरू किया गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद सड़क से पेड़ों को हटाकर यातायात को फिर से बहाल किया जा सका। इस दौरान, सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं, जिससे लोगों को, विशेषकर ऑफिस जाने वालों और स्कूली बच्चों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
शहर में जारी है भूस्खलन और पेड़ गिरने का दौर
यह कोई अकेली घटना नहीं है। राजधानी में बीते कुछ दिनों से लगातार पेड़ गिरने और भूस्खलन की घटनाएं पेश आ रही हैं। हाल ही में शिमला के पांजड़ी, जोधा निवास और विकासनगर की हिमुडा कॉलोनी में भी पेड़ गिरने से लोगों के घरों को काफी नुकसान पहुंचा था और कई गाड़ियां पूरी तरह से चकनाचूर हो गई थीं, जिससे लोगों को लाखों रुपये का नुकसान झेलना पड़ा। इसके अलावा, खलीणी के पास झंझीणी में मजदूरों का एक अस्थायी ढारा भी भूस्खलन की भेंट चढ़ गया था।
मौसम विभाग का अलर्ट, प्रशासन ने दी सतर्क रहने की सलाह
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने आने वाले दिनों में भी राहत की कोई उम्मीद नहीं जताई है। पूर्वानुमान के अनुसार, शिमला जिले में आज और कल भी बारिश का दौर जारी रहेगा। मौसम विभाग ने 15 अगस्त तक वर्षा की संभावना जताते हुए अलर्ट जारी किया है।
इस अलर्ट को देखते हुए जिला प्रशासन और पुलिस ने लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने की सलाह दी है। लोगों से अपील की गई है कि वे बिना आवश्यक काम के घरों से बाहर न निकलें और नदी-नालों के पास जाने से बचें। वहीं, वाहन चालकों से भी सावधानी पूर्वक वाहन चलाने की अपील की गई है, क्योंकि भारी बारिश के साथ-साथ कई इलाकों में घनी धुंध भी छाई हुई है, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई है और सड़क हादसों का खतरा बढ़ गया है।