Himachal: हिमाचल की सड़कों पर दौड़ेंगी 1000 नई बसें, HRTC के बेड़े का होगा कायाकल्प, इलेक्ट्रिक वाहनों पर जोर

शिमला:

हिमाचल प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन के बुनियादी ढांचे को आधुनिक और मजबूत बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। एक प्रमुख पहल के तहत, हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के बेड़े में चरणबद्ध तरीके से 1,000 नई बसें शामिल की जाएंगी। इस कदम का उद्देश्य पूरे राज्य में परिवहन सेवाओं को बेहतर बनाना और कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करना है।

उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि 24 नई वोल्वो बसें पहले ही एचआरटीसी के बेड़े में शामिल की जा चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, 327 इलेक्ट्रिक बसों (जिनमें 297 टाइप-1 और 30 टाइप-3 बसें शामिल हैं), 250 डीजल बसों और 100 मिनी-बसों की खरीद प्रक्रिया चल रही है। 297 इलेक्ट्रिक बसों के लिए आपूर्ति आदेश (सप्लाई ऑर्डर) पहले ही जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा, 500 और इलेक्ट्रिक बसें खरीदने की भी योजना है, जिससे राज्य में हरित गतिशीलता (ग्रीन मोबिलिटी) की पहल को और बढ़ावा मिलेगा।

 अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य के चुनौतीपूर्ण भौगोलिक इलाके को ध्यान में रखते हुए, 37 से 42 सीटों की क्षमता वाली छोटी और अधिक सुलभ बसों के अधिग्रहण को प्राथमिकता दी जा रही है। ये बसें निगम को दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में अपनी सेवाओं का अधिक प्रभावी ढंग से विस्तार करने में सक्षम बनाएंगी।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में, एचआरटीसी के बेड़े में लगभग 3,200 बसें हैं। राज्य के इतिहास में यह पहली बार है कि सरकार एक साथ 1,000 बसों को बदल रही है, जो एक ऐसा कीर्तिमान है जिसे किसी भी पिछली सरकार ने हासिल नहीं किया। इस बड़े पैमाने पर उच्च गुणवत्ता वाली बसों को शामिल करने से न केवल एचआरटीसी की परिचालन क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यात्रियों को अधिक सुविधा और आराम भी मिलेगा।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश जैसे पहाड़ी राज्य में, सड़कें लोगों की जीवन रेखा मानी जाती हैं और एचआरटीसी इन जीवन रेखाओं पर एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में कार्य करता है। हर दिन लाखों यात्री इसकी सेवाओं पर निर्भर रहते हैं और निगम सबसे दूरस्थ और कठिन क्षेत्रों में भी कनेक्टिविटी सुनिश्चित कर रहा है।

मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि एचआरटीसी अपनी सार्वजनिक सेवा की प्रतिबद्धता को निभाते हुए घाटे वाले रूटों पर भी बसों का संचालन जारी रखता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार निगम को हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और इसे एक स्वतंत्र, कुशल और आत्मनिर्भर संस्था के रूप में विकसित करने की दिशा में काम कर रही है।

पर्यावरण संरक्षण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य भर में इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए लगभग 110 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। जहां इलेक्ट्रिक बसों की खरीद सीधे सरकार द्वारा की जा रही है, वहीं एचआरटीसी अपने स्वयं के संसाधनों से डीजल बसों की खरीद के लिए वित्तपोषण कर रहा है।

अग्निहोत्री ने कहा कि दुर्गम इलाकों में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी (लास्ट-माइल कनेक्टिविटी) सुनिश्चित करने के लिए 100 मिनी-बसें भी खरीदी जा रही हैं। ये बसें असेवित क्षेत्रों तक पहुंचने और ग्रामीण परिवहन के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी और देश के अन्य राज्यों के लिए एक मिसाल कायम करेंगी।

 

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