तेल अवीव। गाजा में 22 महीनों से चल रहे विनाशकारी युद्ध के बीच इजरायल एक बड़े रणनीतिक बदलाव की तैयारी कर रहा है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अपने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की है, जिसका मुख्य उद्देश्य गाजा के लिए एक नई और अधिक आक्रामक युद्ध रणनीति को अंतिम रूप देना है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेतन्याहू अब गाजा पट्टी पर पूर्ण सैन्य कब्जे का समर्थन कर रहे हैं, जो इस लंबे संघर्ष में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया जा रहा है जब गाजा में भयावह मानवीय संकट को देखते हुए युद्धविराम के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव चरम पर है। भूख, कुपोषण और लगातार हो रही बमबारी से हालात बदतर हो चुके हैं। इसके बावजूद, इजरायल और हमास के बीच मध्यस्थता की सभी कोशिशें अब तक विफल रही हैं।
नई रणनीति और 2005 के फैसले को पलटने की तैयारी
प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, लगभग तीन घंटे तक चली इस “सीमित सुरक्षा चर्चा” में सेना प्रमुख इयाल जमीर ने “गाजा में अभियान जारी रखने के विभिन्न विकल्प प्रस्तुत किए”। इस महत्वपूर्ण बैठक में रक्षा मंत्री इजरायल काट्ज और नेतन्याहू के करीबी माने जाने वाले रणनीतिक मामलों के मंत्री रान डर्मर भी शामिल थे। उम्मीद है कि इस सप्ताह नई रणनीति को अंतिम रूप देकर कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा।
एक प्रमुख टीवी चैनल ने नेतन्याहू के कार्यालय के एक अधिकारी के हवाले से बताया है कि प्रधानमंत्री पूरे गाजा क्षेत्र पर दोबारा नियंत्रण स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यदि ऐसा होता है, तो यह 2005 में लिए गए उस ऐतिहासिक फैसले को पूरी तरह से पलट देगा, जब इजरायल ने गाजा से अपनी सेना और बस्तियों को हटा लिया था, हालांकि सीमाओं पर अपना नियंत्रण बनाए रखा था। नेतन्याहू के मंत्रिमंडल में शामिल दक्षिणपंथी पार्टियां लंबे समय से 2005 की वापसी को एक गलती मानती रही हैं और इसे ही हमास के सत्ता में आने का मुख्य कारण मानती हैं।
मानवीय संकट और अनिश्चित भविष्य
एक तरफ जहां इजरायल नई सैन्य रणनीति बना रहा है, वहीं दूसरी ओर गाजा में मानवीय त्रासदी गहराती जा रही है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में ही भूख और कुपोषण से आठ और लोगों की मौत हो गई, जबकि ताजा इजरायली हमलों में 79 अन्य फलस्तीनियों ने अपनी जान गंवाई।
हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि नेतन्याहू द्वारा प्रस्तावित कब्जा एक दीर्घकालिक योजना है या यह हमास को पूरी तरह से खत्म करने और इजरायली बंधकों को मुक्त कराने के उद्देश्य से एक अल्पकालिक सैन्य अभियान होगा। प्रधानमंत्री कार्यालय ने फिलहाल मीडिया में चल रही इन खबरों पर कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है, जिससे भविष्य की योजनाओं को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। यह बैठक और इससे निकले संकेत यह दर्शाते हैं कि इजरायल आने वाले दिनों में गाजा को लेकर अपनी नीति में एक बड़ा और निर्णायक बदलाव कर सकता है, जिसके दूरगामी परिणाम होंगे।
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