Israel: फूड पॉइजनिंग से बिगड़ी बेंजामिन नेतन्याहू की तबीयत, भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई सितंबर तक टली

नई दिल्ली/यरूशलेम। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की तबीयत अचानक बिगड़ गई है, जिसके बाद डॉक्टरों ने उन्हें पूर्ण आराम करने की सलाह दी है। प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, नेतन्याहू फूड पॉइजनिंग से पीड़ित हैं। इस स्वास्थ्य समस्या के कारण उनके खिलाफ चल रहे भ्रष्टाचार के हाई-प्रोफाइल मुकदमे की सुनवाई को भी स्थगित कर दिया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेतन्याहू की तबीयत रात के समय अचानक खराब होने लगी थी। जांच के बाद डॉक्टरों ने पाया कि उनकी आंतों में समस्या है और शरीर में पानी की गंभीर कमी (डिहाइड्रेशन) हो गई है। फिलहाल, उनका इलाज चल रहा है और उन्हें आवश्यक फ्लूइड्स दिए जा रहे हैं। डॉक्टरों की सलाह पर, वह अब अपने घर पर ही आराम करेंगे और वहीं से सरकारी कामकाज की देखरेख करेंगे।

नेतन्याहू की इस बीमारी का सीधा असर उनके ऊपर चल रहे भ्रष्टाचार के मुकदमे पर पड़ा है। अदालत ने मामले की सुनवाई को टाल दिया है, और अब अगली सुनवाई सितंबर से पहले होने की कोई संभावना नहीं है। इसका एक कारण यह भी है कि इजरायल में गर्मी की छुट्टियों के चलते अदालतें फिलहाल बंद हैं। यह पहली बार नहीं है जब इस संवेदनशील मामले की सुनवाई टली है।

यह चर्चित केस साल 2020 में शुरू हुआ था, लेकिन तब से लेकर अब तक इसमें कई बाधाएं आ चुकी हैं। इससे पहले, नेतन्याहू ने गाजा में चल रहे युद्ध और फिर लेबनान के साथ बढ़ते संघर्ष का हवाला देकर सुनवाई को टलवाया था। इस मामले में प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा पर आरोप है कि उन्होंने धनी व्यापारियों से लगभग 260,000 डॉलर (करीब 2.15 करोड़ रुपये) के महंगे तोहफे स्वीकार किए थे। इन तोहफों में कीमती सिगार, आभूषण और शैम्पेन जैसी वस्तुएं शामिल थीं। अभियोजन पक्ष का आरोप है कि इन उपहारों के बदले में नेतन्याहू ने कथित तौर पर अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उन व्यापारियों को राजनीतिक लाभ पहुंचाया था।

यह भी उल्लेखनीय है कि बेंजामिन नेतन्याहू पिछले कुछ समय से लगातार स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। पिछले साल 2023 में, हृदय संबंधी समस्या के कारण उनके दिल में एक पेसमेकर लगाया गया था। इसके बाद, दिसंबर में उन्हें प्रोस्टेट की सर्जरी से भी गुजरना पड़ा था। अब फूड पॉइजनिंग की यह घटना उनकी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को और बढ़ाती है, जिसका असर न केवल उनके राजनीतिक जीवन पर, बल्कि देश के कानूनी और प्रशासनिक कामकाज पर भी पड़ रहा है।

 

Pls read:Russia: शांति वार्ता को तैयार, पर लक्ष्य नहीं छोड़ेंगे: रूस

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *